फ़रीदाबाद, 27 सितंबर : शहर के बड़े राजनैतिक घरानो के खिलाफ मुक़दमे दर्ज करवाने वाला युवक सन्दीप चपराना अब खुद विवादो में है । शहर के सेक्टर -31 थाना पुलिस ने उसके व उसके भाई सहित कई लोगों के खिलाफ़ आर्म्स एक्ट सहित कयी संगीन अपराधिक धाराओ में मामला दर्ज किया है। जबकि दो दिन पूर्व संदीप ने केन्द्रीय राज्य मंत्री के भाँजे व कयी अन्य युवको के खिलाफ इसी थाने में जान से मारने के प्रयास का मामला दर्ज करवाया था। पूर्व में यही संदीप चपराना कांग्रेस के पूर्व मंत्री महन्द्र प्रताप सिंह के बेटों के खिलाफ भी करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का अपराधिक मामला दर्ज करवा चुका है, बाद में इस मामले में शिकायतकर्ता संदीप ने फ़ैसला कर लिया था। विवादों में आये युवक के खिलाफ हरियाणा सरकार के वन विभाग ने सूरजकुंड थाने में इसी संदीप के खिलाफ एफआईआर नंबर 599 , 11 सितंबर ’19 तथा एफआईआर नंबर 309 ,’23 जून ’20 को विभिन्न धाराओं में आपराधिक मामले दर्ज करवाए थे , जिनमे अभी तक उसे पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई। दोनों ही केसों में वन विभाग ने पुलिस में दी शिकायत में कहा है कि संदीप चपराना भू माफिया है और जब उन्होंने उसे वन क्षेत्र में अवैध रूप से निर्माण करने से रोकने का प्रयास किया तो उन्हें उसके हथियार बंद गुण्डो ने धमकाया और वहाँ से भगा दिया।
सरकारी अधिकारियों द्वारा दर्ज मुकदमों में फरीदाबाद की काबिल पुलिस इस युवक को दो साल तक भी गरफ्तार नहीं कर पाई लेकिन इसकी शिकायत पर पुलिस ने केंद्रीय मंत्री के भांजे व अन्य युवकों के खिलाफ संगीन धाराओं में इतनी तुर्रत फुर्रत में मामला दर्ज कर दिया कि उसके बाद ना केवल पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगने लगे बल्कि शिकायतकर्ता संदीप भी विवादों में आ गया। दर्ज शिकायत में कहा गया है कि शुक्रवार दिन में जब वह सेक्टर -28 के जिम से निकल कर मोटरसाइकिल से जा रहा था तो दो स्कार्पिओ गाड़ियों ने उसे टक्कर मारी और वो दस फुट दूर जा कर गिरा , बाद में मंत्री के भांजे अमर सिंह व अन्य युवक ने उसपर गोलियां दागी , लेकिन वह बच गया और वो भाग कर अपने घर पहुँच गया। उसकी इस शिकायत पर पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज कर लिया। जब लोगों को ये पता लगा तो चर्चा शुरू हो गई कि शहर में किसी भी व्यक्ति के साथ वारदात हो जाये तो पुलिस इतनी आसानी से मुकदमा दर्ज कर लेती है क्या ! पुलिस पहले मामले की जांच करती है , वारदात स्थल का दौरा करती है , दूसरी पार्टी से पूछताछ करती है और जांच के बाद कैसे कैसे मामला दर्ज होता है , लोग जानते हैं। इस मामले में पुलिस ने अपनी इतनी काबलियत दिखाई , आखिर शिकायतकर्ता के पास ऐसा कौन सा यंत्र है या उसके ऊपर किसका हाथ है , जो पुलिस ने इतनी जल्दी मुकदमा दर्ज भी कर दिया। आमतौर पर यदि किसी मोटरसाइकिल सवार को कोई कार टक्कर मार जाए तो मोटरसाइकिल सवार को जान बचाने के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। इसमें तो स्कॉर्पिओ जैसे भारी भरकम दो गाड़ियों ने टक्कर मारी और शिकायतकर्ता के अनुसार वो दस फुट दूर जाकर गिरा। बन्दूक से गोलियां चली वो भी उसे लगी नहीं , ये तो किसी मूवी का बड़ा हीरो लगता है जिसे ना तो कोई बड़ी चोट लगी और ना ही कोई गोली लगी। पुलिस भी ऎसी कि तुरंत करवाई कर दी। ये सारी चर्चा शहर में आम लोगों में हो रही है।
यही नहीं इसके बाद उसी दिन बदरपुर में रहने वाले अजय कुमार ने पुलिस को लिखित शिकायत दे कर बताया कि वह फरीदाबाद के सेक्टर -28 मार्किट में अपने दोस्त राजू ओमकारी के ऑफिस में बैठा था कि संदीप चपराना , दीपक चपराना एवं अमित भाटी अपने साथियों के साथ लाठी सरिये ले कर आये और उनपर हमला बोल दिया। ऑफिस में तोड़फोड़ की और उससे 1.25 लाख रुपये ले कर भाग गए और जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने संदीप चपराना सहित उक्त युवकों के खिलाफ भी सेक्टर -31 थाना पुलिस ने ( एफआईआर नंबर 324 , 25 सितंबर ’21 ) मामला दर्ज कर दिया। इस सारे घटनाक्रम के बाद कई प्रश्नचिन्ह खड़े हो गए हैं , जिसने पुलिस और पूरी घटना को जनता के कटघरे में खड़ा कर दिया है। लोग चर्चा कर रहे हैं कि क्या हरियाणा पुलिस इतनी चुस्त दुरुस्त हो गयी है। लोगो में ये भी चर्चा है कि क्या संदीप वाकई किसी फिल्मी स्टंट मैन की तरह है जो इतनी बड़ी टक्कर में भी बच गया और बन्दूक की गोलियां भी उसे छू नहीं पाई। या कहीं ऐसा तो नहीं कि राजू ओमकारी के ऑफिस पर हमला करने से पहले ही अपने बचाव में फ़िल्मी स्टाईल में उक्त घटनाक्रम दिखाया गया। ये सारी चर्चाएं लोगों में होने लगी हैं और लोग इंतज़ार कर रहे हैं पुलिस अब क्या कार्रवाई करती है और पुलिस के काबिल अफसरों की जांच में क्या निकल कर आता है। लेकिन पूरे शहर सहित राजनैतिक गलियारों में भी ये चर्चा गर्म है।