बैंकों के निजीकरण के विरोध में आज से दो दिवसीय हड़ताल एवं प्रदर्शन
फरीदाबाद, 16 दिसम्बर ( धमीजा ) : बैंकों के निजीकरण के विरोध में बृहस्पतिवार से शुरू हुई दो दिवसीय यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले हरियाणा बैंक एम्पलाइज फेडरेशन हड़ताल की। हड़ताल में शामिल बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों ने कामकाज ठप रखा। इस दौरान अधिकारियों ने बीके चौक से नीलम चौक तक जुलूस निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया। लेनेदेन ठप होने लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़। हालांकि निजी क्षेत्र की बैंक पूरी तरह खुले रहे। बैंकों की हड़ताल से एक दिन में लगभग 550 करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ। शुक्रवार को भी हड़ताल जारी रहेगी।
जिला अगृणी बैंक से मिली जानकारी के अनुसार जिले में बैंकों की चार करेंसी चेस्ट है। इसके अंतर्गत 314 बैंक शाखाएं आती हैं। इनमें करीब 250 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की शाखाएं हैं। वहींए लगभग 650 एटीएम हैं। हालांकि, हड़ताल को देखते हुए जिला अग्रणी बैंक की ओर से बुधवार शाम को ही सभी एटीएम में कैश डलवा दिया गया, जिससे लोगों को नकदी निकासी में परेशानी न हो लेकिन बृहस्पतिवार शाम कई एटीएम में नकदी न होने के कारण लोगों को परेशानी से जूझना पड़ा। नीलम चौक स्थित एसबीआई का एटीएम, एस्कॉर्ट फोर्टिस अस्पताल स्थित एक्सिस बैंक, पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम दोपहर तक खाली हो गए। लोगों को नकदी निकाले के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता।
सरकारी बैंकिंग संसोधन बिल का जताया विरोध
हरियाणा बैंक एम्पलाइज फेडरेशन, इंडियन बैंक ऑफिसर एसोसिएशन और पंजाब नेशनल बैंक ऑफिसर एसोसिएशन के पदाधिकारी और सैकडों कर्मचारी बृहस्पतिवार नेहरु ग्राउंड स्थित पंजाब नेशनल बैंक पर इक_े हुए।
यहां कर्मचारियों को संबोधित करते हुए फेडरेशन के सचिव कृपा राम शर्मा एवं नवीन वोहरा ने कहा कि जब-जब सरकार ने निजी करण की नीति अपनाई है उसे मुहं की खानी पड़ी है। भाजपा सरकार से पहले भी कई सरकारे यह प्रयास कर चुकी हैं, लेकिन विफल रही। इस बार भी हमें सरकार की बैंकों के निजीकरण की नीति का मिलकर संगठित होकर पुरजोर विरोध करना है। फेडरेशन के अध्यक्ष ईश्वर सिंह और इंडियन बैंक ऑफिसर एसोसिएशन के प्रधान सुशील गुलाटी ने कहा कि कहा कि सरकार ने निजीकरण के उद्देश्य से बैंकों का विलय किया। 28 सरकारी बैंकों की संख्या घट कर केवल 12 रह गई है। इन बैंकों की संख्या कम करने का मुख्य उद्देश्य सरकारी बैंकों का आपसी निजीकरण आसानी से किया जा सके। इस निजीकरण से किसानोंए मजबूरों, छोटे व्यापारियों और रिक्शा, रेहड़ी वालों को एक बार फिर लोन से वंचित कर दिया जाएगा। निजीकरण के उद्देश्य से ही सरकारी बैंकिंग विधेयक (संशोधन) बिल 2021 शीतकालीन सत्र में पेश करने जा रही है। इस काले कानून को वह पुरजोर विरोध करेंगे।
रैली निकाल कर किया प्रदर्शन
एम्पलाइज फेडरेशन की ओर से बृहस्पतविार को बीके चौक से नीलम चौक तक विरोध मार्च निकाला गया। अधिकारियों ने निजीकरण की प्रथा को वापस लेने की मांग की। बैंक कर्मचारी नेता ईश्वर सिंह एवं नवीन वोहरा ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण करने से बैंकों के डूबने का खतरा काफी बढ़ जाएगा। इसलिए सरकार को निजीकरण के प्रथा को वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को बैंकों की हड़ताल से जिले में करीब 550 करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ है। वहीं जिला अग्रणी केनरा बैंक के महाप्रबंधक डॉप्त अलभ्य मिश्रा ने कहा कि सभी बैंकों के एटीएम में कैश रखने के आदेश जारी किए गए हैं जिससे हड़ताल के दौरान ग्राहकों को कोई परेशानी न उठानी पड़े। इससे कैश लेनदेन के साथ आरटीजीएसए चैक क्लीयरेंस का ठप रहा।