Thursday, April 18, 2024
Latest:
crimeHaryanaLatestNationalNCRPoliticsTOP STORIES

जेल से आये राम रहीम ना परिवार से ना ही मिल रहे हनीप्रीत से , असर पड़ सकता है चुनावों पर

Spread the love

गुरुग्राम , 9 फरवरी ( धमीजा ) : दो दिन पहले जेल से फरलो पर आये डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ज़यादा किसी से मिल नहीं रहे हैं लेकिन उनके आने के बाद उनके सेवक बैठकें कर रहे हैं रहे हैं और इसका असर पंजाब व यूपी चुनावों पर पड़ सकता है। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम की फरलो का बुधवार को तीसरा दिन था। बुधवार को करनाल के एक पुलिस अधिकारी गुरुग्राम नामचर्चा घर पर पहुंचे, जहां गुरमीत रुके हुए हैं। उन्होंने वहां सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इधर, डेरा प्रमुख ने इन 3 दिनों में केवल दो बार ही अपने परिवार वालों से मुलाकात की।

डेरा प्रमुख नामचर्चा घर की तीसरी मंजिल पर है, वह एक बार ही नीचे उतरा। किसी से भी नहीं मिल रहा। उसका परिवार पहली मंजिल पर है, जबकि दूसरी मंजिल पर पुलिस तैनात है। ग्राउंड फ्लोर पर सेवादार तैनात हैं। डेरा प्रमुख हनीप्रीत से भी ज्यादा देर नहीं मिला। हनीप्रीत नामचर्चा घर से जा चुकी है। डेरा प्रमुख के परिवार और हनीप्रीत के बीच भी कोई बातचीत नहीं है।

चुनावों को लेकर बैठकों का दौर चालू 
पंजाब चुनावों से पहले यूपी में पहले फेज में चुनाव 10 फरवरी को हैं। ऐसे में डेरे के कुछ पदाधिकारियों ने चुनावों से पहले हरियाणा के सीमावर्ती जिलों के नामचर्चा घरों में भी मीटिंग बुलाई है। यूपी के पश्चिमी यूपी बेल्ट में डेरा अनुयायी हैं। हालांकि इनकी संख्या ज्यादा नहीं है, लेकिन कांटे की टक्कर में डेरा प्रेमियों का वोट निर्णायक साबित हो सकता है।

यूपी के सिकंदराबाद विधानसभा क्षेत्र में गुलावठी नामचर्चा घर में मीटिंग हुई। इस दौरान मीटिंग में आने वालों के मोबाइल बाहर रखवाए गए। बरौली में भी मीटिंग हुई है। लोनी, मुराद और मुजफरनगर में भी मीटिंग हुई। डेरा प्रमुख को पैराेल मिलने के कारण यूपी में सत्तापक्ष को फायदा मिल सकता है। परंतु डेरा अनुयायी सरकार से नाराज भी है।

इन मामलों में सज़ा काट रहे हैं गुरमीत 
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख साध्वी यौन शोषण मामले समेत पत्रकार छत्रपति हत्याकांड और रणजीत हत्याकांड में सजा काट रहा है। 2017 से डेरा प्रमुख जेल में बंद है। हालांकि इस बीच उन्हें एक बार अपनी बीमार मां से मिलने के लिए 12 घंटे की पैरोल मिली थी। इससे पहले उसने तीन बार पैरोल के लिए आवेदन किया था, परंतु सिरसा प्रशासन ने आवेदन रद्द कर दिया था। अबकी बार पांच राज्यों के चुनाव से पहले डेरा प्रमुख को 21 दिन की फरलो मिली।