दुनिया के सबसे अमीर आदमी मुकेश अम्बानी का रिलायंस JIO के डायरेक्टरशिप से इस्तीफ़ा , जानिये कंपनी के आगे पीछे की कहानी
दिल्ली , 28 जून ( धमीजा ) : दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैनों में से एक मुकेश अंबानी ने आज रिलायंस JIO के निदेशक पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। वह अपने साम्राज्य को अगली पीढ़ी को सौंपने के प्लान पर काम कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि पिता धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद भाई अनिल अंबानी से हिस्सेदारी के बंटवारे को लेकर जो विवाद हुआ था, वैसा उनके बच्चों के बीच न हो।
ऐसे में मंगलवार को मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया। रिलायंस जियो के बोर्ड ने उनके बेटे आकाश अंबानी की बोर्ड के चेयरमैन पद पर नियुक्ति को मंजूरी दी है। पंकज मोहन पवार कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) का पद संभालेंगे।
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग 27 जून को हुई थी जिसमें ये फैसले लिए गए हैं। कंपनी के एडिशनल डायरेक्टर के रूप में रामिंदर सिंह गुजराल और केवी चौधरी की नियुक्ति को भी बोर्ड ने मंजूरी दी है। ये नियुक्तियां 27 जून 2022 से 5 सालों के लिए है।
ऐसे हुई थे JIO की शुरुआतः ईशा और आकाश ने दिया था आइडिया
2011 की बात है। अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रही मुकेश अम्बानी की बेटी ईशा अंबानी छुट्टियों में घर आई थीं। कोर्स वर्क सबमिट करने में दिक्कत हुई तो ईशा ने अपने पिता को धीमी इंटरनेट स्पीड के बारे में बताया। अंबानी ने बताया था कि उनके बेटे आकाश ने भी कहा था कि पहले लोगों के लिए टेलीकॉम मतलब सिर्फ वॉयस कॉलिंग होता था, लेकिन अब सब कुछ डिजिटल हो गया है। इसमें बातों के अलावा बहुत सारे काम इंटरनेट से ही किए जा सकते हैं। बेटी की परेशानी और बेटे के सुझाव के बाद ही उनके दिमाग में टेलीकॉम सेक्टर में वापसी की बात आई और जियो शुरू करने का आइडिया आया।
JIo ने टैगलाइन दी : जियो जी भर के
Jio का पूरा नाम है ‘जॉइंट इम्प्लीमेंटेशन ऑपर्चुनिटीज’ और कंपनी का पूरा नाम है रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड। रिलायंस जियो का स्लोगन है ‘डिजिटल लाइफ’ और इसकी पॉपुलर टैगलाइन है ‘जियो जी भरके”।
जियो की सबसे रोचक बात ये है कि शायद ये रिलायंस की इकलौती कंपनी है जिसका अपना लोगो है। ये आइडिया भी ईशा अंबानी के दिमाग की उपज है। ईशा ने जर्मन डिजाइनर के साथ मिलकर जियो का लोगो डिजाइन करवाया है। जियो के लोगो में एक छिपा मतलब भी है। जब Jio को फ्लिप करते हैं तो ये Oil हो जाता है, जिस पर रिलायंस कंपनी आधारित है।
बिजनेस मॉडलः पहले लोगों को दिए फ्री कनेक्शन, फिर कमाई
2016 में जियो लॉन्च हुई थी तो भारत का टेलीकॉम मार्केट कॉम्पिटिशन से भरा था। 8 कंपनियां होने के बावजूद यूजर्स को 1 मिनट कॉल के लिए औसतन 58 पैसे चुकाने पड़ते थे। जियो ने सबसे पहले बाजार में पकड़ बनाने का फैसला किया।
अपने शुरुआती दिनों में जियो ने अनलिमिटेड डेटा और हाई क्वालिटी कॉलिंग की सर्विस बेहद कम कीमत में दी। इस स्ट्रैटजी ने दूसरे टेलीकॉम ऑपरेटर्स को भी अपना बिजनेस मॉडल बदलने पर मजबूर कर दिया। इसमें एयरटेल, आइडिया और वोडाफोन शामिल थे।