Thursday, April 25, 2024
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भ्रष्टाचार पर सरकार की बड़ी कार्रवाई : नगर निगम फरीदाबाद के करोड़ों के घोटाले में ऑडिट शाखा के 9 कर्मी सस्पेंड

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फरीदाबाद , 14 जुलाई ( धमीजा ) : हरियाणा के फरीदाबाद नगर निगम में करोड़ों रुपए के घोटाले से जुड़े मामले में प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने एक सीनियर ऑडिटर सहित 9 ऑडिटर्स को सस्पेंड कर दिया है। इनमें से एक वर्तमान में रेवाड़ी नगर परिषद और एक अन्य इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी, रेवाड़ी  में कार्यरत थे। करोड़ों रुपए का यह घोटाला पिछले साल ही सामने आया था। लगभग दो सो करोड़ रुपये के इस घोटाले के मुख्य आरोपी ठेकेदार सतवीर और चीफ इंजीनियर डीआर भास्कर नीमका जेल में बंद हैं। इस घोटाले में नगर निगम के तत्कालीन कमिश्नरों का नाम भी खूब उछल रहा है , लेकिन अभी तक उनके नाम स्पष्ट नहीं हो पाये हैं। मामले की जांच कर रही विजिलेंस ब्यूरो द्वारा उनसे पूछताछ के लिए प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव से अनुमति और औपचारिकताएं निभानी पड़ती हैं।

दरअसल, फरीदाबाद नगर निगम में वर्ष 2017 से 2019 के बीच सड़कों से लेकर अन्य कार्यों में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ। इसकी जब परतें उधड़ने लगीं तो पता चला कि मौके पर कोई काम ही नहीं हुआ। वर्ष 2020 में घोटाले को निवर्तमान पार्षद दीपक, महेंद्र सरपंच, सुरेंद्र अग्रवाल सहित अन्य ने नगर निगम प्रशासन को शिकायत देकर उजागर किया था। इन्होंने आरोप लगाया कि वार्डो में बगैर किसी विकास कार्य के ही करोड़ों रुपए की राशि मिलीभगत कर ठेकेदार को दे दी। घोटाला लगभग दो सो करोड़ रुपए का बताया जा रहा है ।

हरियाणा सरकार की ओर से जारी सस्पेंड ऑर्डर।

शिकायत के बाद सरकार हरकत में आई और फिर विजिलेंस ने मामले की जांच शुरू की। इसके बाद स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने ठेकेदार को गिरफ्तार भी कर लिया। साथ ही 6 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई। अब इस मामले में वित्त विभाग ने उस वक्त नगर निगम में कार्यरत एक सीनियर ऑडिटर सहित 9 ऑडिटर्स को सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंड हुए ऑडिटरों में सुनील कुमार रेवाड़ी नगर परिषद और आकाश लाल फिलहाल रेवाड़ी स्थित इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी में बतौर ऑडिटर कार्यरत थे।

वहीं, पंचकूला हेड ऑफिस में कार्यरत सीनियर ऑडिटर नवीन कुमार, फरीदाबाद नगर निगम में कार्यरत अखिलेश्वर, दिलबाग सिंह, अमित, राजेंद्र सिंह, अशोक कुमार, जेरिना को सस्पेंड किया है। ये सभी वर्ष 2017 से 2019 के बीच फरीदाबाद नगर निगम में बतौर ऑडिटर कार्यरत रहे।