Saturday, April 20, 2024
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इस बार बन रहे हैं गणेश चतुर्थी पर वही योग ,जो गणेश जी के जन्म पर थे , बेहद शुभ ,लाभदायक व मंगलकारी हैं दस दिन 

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फरीदाबाद , 29 अगस्त ( धमीजा ) : इस बार 31 अगस्त को आ रही गणेश चतुर्थी बेहद शुभ, मंगलकारी और लाभदायक होगी , लगभग 300 साल बाद ऐसा शुभ मुहूर्त आ रहा है। ये गणेश चतुर्थी  कई मायनों में बहुत खास है। अकेले चतुर्थी ही शुभ नहीं है, बल्कि 31 अगस्त से 9 सितंबर के बीच 7 दिन अच्छे योग भी बन रहे हैं। इन सात दिनों में आप सिर्फ गणपति की पूजा ही नहीं, बल्कि अपने लिए कई शुभ काम जैसे नए बिजनेस की शुरुआत से लेकर घर और वाहन खरीदने तक के काम कर सकते हैं। देश के जाने-माने विद्वानों ने इन 10 दिनों के वो 7 शुभ मुहूर्त बताए हैं, जो आपके लिए खास हो सकते हैं।

 इस गणेश चतुर्थी पर वही योग बन रहे हैं जो गणेश जी के जन्म पर बने थे 
पहला कारण तो ये है कि इस साल वो सारे योग-संयोग बन रहे हैं, जो गणेश जी के जन्म पर बने थे। दिन बुधवार, तिथि चतुर्थी, नक्षत्र चित्रा और मध्याह्न काल यानी दोपहर का समय। ये ही वो संयोग था जब पार्वती जी ने मिट्टी के गणेश बनाए थे और शिव जी ने उसमें प्राण डाले थे। इसके अलावा भी कुछ दुर्लभ और शुभ योग बन रहे हैं जो 31 अगस्त से 9 सितंबर तक गणेश उत्सव के दौरान रहेंगे।

इस गणेश उत्सव में एक खास बात ये भी है कि इन 10 दिनों में रोज कोई शुभ योग बन रहा है, जिसमें आप इन्वेस्टमेंट से लेकर व्हीकल खरीदी तक कई शुभ काम कर सकेंगे। साथ ही, एक ऐसा दुर्लभ योग भी बन रहा है जो पिछले 300 सालों में नहीं बना। इन सारे योगों के बारे में हमने केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय मुंबई, तिरुपति और पुरी के ज्योतिषाचार्य असि. प्रो. जी. सागर रेड्डी, डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव और डॉ. गणेश मिश्र से बात की। जानिए, उनकी नजर में ये गणेशोत्सव किन कारणों से बहुत खास बन रहा है।

नवमी तिथि घटने के बावजूद पूरे 10 दिन रहेगा गणपति महोत्सव 

  इस बार गणेश उत्सव के दौरान नवमी तिथि घट रही है। फिर भी गणपति महोत्सव पूरे 10 दिनों का ही रहेगा। इन दिनों सूर्य, बुध, गुरु और शनि अपनी ही राशियों में रहेंगे। पिछले 300 सालों में ऐसा नहीं हुआ। इस संयोग में फ्लैट बुक करना, प्रॉपर्टी, ज्वेलरी या व्हीकल खरीदी हो या फिर कोई टोकन मनी देना चाह रहे हैं तो इसके लिए सात शुभ मुहूर्त मिलेंगे।

31 को गणपति स्थापना के साथ तीज-त्योहारों का दौर भी शुरू हो जाएगा। गणेश चतुर्थी के अगले दिन ऋषि पंचमी रहेगी। सुहागनें इस दिन भी व्रत-उपवास रखकर सप्त ऋषियों की पूजा करेंगीं। फिर शुक्रवार को भगवान कार्तिकेय की पूजा होगी। शनिवार को दूर्वाष्टमी होने से गणेश मंदिरों में दूर्वा से विशेष पूजा और श्रंगार किया जाएगा। इस दिन राधाष्टमी व्रत भी रहेगा।

रविवार को नवमी तिथि का क्षय होगा। फिर, सोम, मंगल और बुध तीनों दिन भगवान विष्णु की पूजा के रहेंगे। इनमें सोमवार को दस अवतारों की पूजा, मंगलवार को एकादशी व्रत और बुधवार को वामन अवतार का प्राकट्योत्सव मनेगा। गुरुवार को प्रदोष व्रत के साथ शिव-पार्वती पूजा रहेगी। आखिरी दिन अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन होगा।