अवैध प्लॉटिंग करने वाले नेताओं व माफियाओं की खैर नहीं अब , सीएम हुए सख्त , शहरों के विकास पर फोकस
फरीदाबाद , 29 मार्च ( धमीजा ) : अब उन नेताओं व भू माफियाओं की खैर नहीं जो अवैध प्लॉटिंग व कॉलोनियाँ काट काट कर सरकार व जनता को चूना लगा रहे हैं और लाखों करोड़ों के वारे न्यारे कर रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने ऐसे प्लॉटों की रजिस्ट्री पर सख्ती से रोक लगाने का फरमान सुनाया है। आज चंडीगढ़ में एक बैठक में अवैध कॉलोनियों को लेकर सीएम ने बड़ा फैसला किया है। अब इन नई अवैध कॉलोनियों में किसी भी हालत में प्लाटों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाएगा। उन्होंने बैठक के बाद कहा कि हरियाणा में वैध व सुनियोजित कॉलोनियों को ही मंजूरी दी जाएगी। अवैध कॉलोनियों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।
हरियाणा निवास में हुई मीटिंग में निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता भी मौजूद रहे। सीएम के सामने अधिकारियों ने बताया कि निकाय विभाग में स्टाफ की काफी कमी है। इस कारण से कार्य को सुचारू तरीके से करने में दिक्कत आ रही हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की बात को गंभीरता से लिया और उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही विभाग में इस दिक्कत को दूर किया जाएगा।
शहरों के विकास पर सरकार का फोकस
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य के शहरों के विकास कार्य पर फोकस कर रही है। शहरों का विकास आधुनिक दृष्टिकोण को देखते हुए किया जाएगा। इन विकास कार्यों के लिए सरकार किसी प्रकार की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। सीएम ने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य शुरू हो गए हैं, इसके लिए पैसा भी सरकार की तरफ से निर्गत कर दिया गया है।
आगामी वित् वर्ष में निकायों को मिलेगी हज़ारों करोड़ की राशि
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2022-23 के राज्य के अपने कर राजस्व (एसओटीआर) लगभग 65 हजार करोड़ रुपए में से लगभग 3600 करोड़ रुपए नगर निकायों को दिए जाएंगे। इसके अलावा पिछला बकाया 500 करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे। इस प्रकार 4100 करोड़ रुपए नगर निकायों को मिलेंगे, जिससे वे अपने स्तर पर विकास कार्य करवा पाएंगे। इसके अलावा, सभी निकायों में कुल मिलाकर 5 हजार करोड़ रुपए की राशि पहले से ही उपलब्ध है।
अपने भवनों पर कमर्शियल गतिविधियां भी कर सकेंगे निकाय
मुख्यमंत्री ने बैठक में घोषणा करते हुए कहा कि नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिकाओं के कार्यालय भवन बनाने का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। भवन के लिए यदि कहीं जमीन खरीदने की या किसी विभाग से हस्तांतरित करने की भी आवश्यकता है तो उसका खर्च भी राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई निकाय अपनी जमीन पर कोई भवन बनाकर वाणिज्यिक गतिविधियां करना चाहती है, तो कर सकती है। इससे निकायों को अतिरिक्त आय होगी और यह पैसा जनता के हित में काम आएगा। इसके लिए इस प्रकार के प्रोजेक्ट ऋण लेकर या पीपीपी मोड पर संचालित करें।
बैठक के तुरंत बाद पानीपत नगर निगम के जेडटीओ सस्पेंड
हरियाणा के मुख्यमंत्री की निकाय मीटिंग के बाद ही पानीपत नगर निगम के जोनल टैक्स ऑफिसर (ZTO) को निलंबित कर दिया गया। अरबन लोकल बॉडी के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी की तरफ से इस आशय के ऑर्डर जारी कर दिए गए हैं। नगर निगम के मेयर को भी ऑर्डर की एक प्रति विभाग की ओर से भेजी गई है।