Thursday, April 25, 2024
Latest:
FEATUREDHaryanaLatestNCRPoliticsStyleTOP STORIES

स्वामी विवेकानंद केंद्र द्वारा चिंतन मंथन : समाज में फ़ैल रही कुरीतियों व समस्याओं को समाप्त करने व लोगों में आत्मविश्वास पैदा करना ही केंद्र का उद्देशय

Spread the love

फरीदाबाद , 2 अप्रैल ( धमीजा ) : स्वामी विवेकानंद केंद्र समस्त देश में अपने केंद्रों के माध्यम से भारत की संस्कृति , धर्म व समाज की एकजुटता के लिए कार्य कर रहा है। स्वामी विवेकानंद ने जीवन भर लोगों को संगठित करने व उनमे आत्मविश्वास पैदा करने के लिए भ्रमण किया। उक्त विचार स्वामी विवेकानंद केंद्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष बालकृष्ण ने अपने फरीदाबाद प्रवास के दौरान शहर के प्रबुद्ध लोगों से चर्चा के दौरान व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि विवेकानंद के विचारों व सोच को पूरा करने के लिए स्वामी विवेकानंद केंद्र भरपूर प्रयास कर रहा है। केंद्र के फरीदाबाद संचालक सुधीर कपूर व हरियाणा प्रदेश के सह संचालक दशरथ चौहान ने बालकृष्ण का शाल औढ़ा कर अभिनन्दन किया व माँ अमृतानंदमयी अस्पताल के निदेशक  स्वामी निजामृतानन्द पुरी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया। श्री कपूर ने आये हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें केंद्र से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में फरीदाबाद चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष एचके बत्रा ,विश्व हिन्दू परिषद् के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रमेश गुप्ता , रिटायर्ड आईएएस एचके राणा , शिक्षाविद डॉ प्रताप चौहान, डीएवी स्कूल की प्राचार्या अनीता गौतम, आरएसएस नेता संजय अरोड़ा व पूर्व पार्षद राजेश तंवर सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। जानी मानी गयिका हिमानी कपूर ने  ‘तन समर्पित ,मन समर्पित और यहां जीवन समर्पित ‘ गीत सुनाकर सभी को मनमुग्ध कर दिया।

माता अमृतानंदमई अपस्ताल परिसर में आयोजित संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जो लोग इस केंद्र से जुड़ना चाहते हैं , उनको व प्रबुद्ध लोगों को विवेकानंद केंद्र के कन्याकुमारी स्थित मुख्यालय आवश्य आना चाहिए। वहां स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुडी यादों के साथ समाज की एकता व राष्ट्रीयता से जुड़ी सामग्री की प्राप्ति के साथ साथ आत्मिक शांति की अनुभूति होती है। उनकी संस्था का उद्देश्य मानव निर्माण के लिए ही केंद्रित है। उन्होंने कहा ,मानव शरीर उन पांच तत्वों से बना है जिससे ये विश्व ही नहीं अपितु पूरे ब्राह्माण का निर्माण हुआ है। परमात्मा रूपी आत्मा लघु कणो के रूप में हमारे शरीर व आत्मा में विराजमान है। यदि हम अपनी आत्मा के अंदर झाँक कर देखें तो वहीँ ईश्वर की प्राप्ति होगी। 
केंद्र के अध्यक्ष बालकृष्ण ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भारत के लोगों में आत्मविश्वास पैदा करने व संगठित करने के लिए जीवन भर प्रयास किया , इसी के लिए वह भ्रमण करते रहे और लोगों में दृढ़ विश्वास पैदा करते रहे। उन्होंने बताया कि माँ अमृतानंदमयी वर्ष 1983 में कन्याकुमारी स्थित केंद्र में आयी और महसूस किया कि ईश्वर से उनका संपर्क हुआ। उसके बाद से वह हर वर्ष वहाँ आती हैं। 
इस अवसर पर माँ अमृतानंदमयी के प्रशासकीय निदेशक स्वामी निजामृतानन्द पुरी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को अपने को कमज़ोर नहीं समझना चाहिये। व्यक्ति को अपने अंदर झाँक कर मनन करना चाहिये। वयक्ति का संस्कारित होना ज़रूरी है। आज हर व्यक्ति मोबाइल फोन को ज़्यादा समय और एहमियत दे रहा है,जबकि मोबाइल फोन सदुपयोग के लिए इस्तेमाल होना चाहिये ना कि दुरूपयोग।  इस अवसर पर आये हुए अतिथियों ने समाज में फ़ैल रही कुरीतियों व परेशानियों पर विचार विमर्श किया और सुझाव दिए। केंद्र के फरीदाबाद संयोजक सुधीर कपूर ने कहा कि ऐसे विषयों पर समय समय पर संगोष्ठियां करते रहेंगे तथा प्रबुद्ध लोगों को सम्मिलित करते रहेंगे।