विश्व संवाद केंद्र द्वारा पत्रकारिता के जनक देवर्षि नारद जयंती कार्यक्रम आयोजित

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फरीदाबाद, 7 मई ( धमीजा ) :  विश्व संवाद केन्द्र द्वारा विश्व संवाद के नायक एवं प्रथम पत्रकार देवर्षि नारद की जयंती आयोजित की गई। देवर्षि नारद जयंती के उद्घाटन कार्यक्रम के अध्यक्ष केएल मेहता शिक्षण इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष आनंद मेहता, मुख्य अतिथि साहित्यकार एवं समाजसेवी जेवी मनीषा बजाज, अतिथि शिक्षाविद् डा. पवन सिंह एवं मुख्य वक्ता आकाशवाणी के मीडिया सलाहकार उमेश चतुर्वेदी ने दीप प्रज्जवलित कर किया ।
मुख्य वक्ता उमेश चतुर्वेदी ने अपने उद्बोधन मे देवर्षि नारद के जीवन से जुड़ी विस्तृत जानकारी देते हुए उनके जीवन मूल्य और पत्रकारिता के प्रति प्रासंगिकता के बारे में बताया। उन्होंने अपने संबोधन में भारतीय संस्कृति और वर्तमान समस्याओं का उल्लेख करते हुए बताया कि आज के राष्ट्रवाद के समय में पुराने स्वर्ण कालीन गौरवशाली इतिहास को समाज के मध्य लाना ही हमारा कर्तव्य है। स्वर्णकालीन भारत को याद करेंगे उस पर गौरवान्वित होंगे तो उनमें आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और समाज पूर्ण विश्वास के साथ राष्ट्र को परम वैभव पर ले जाने के लिए कार्य करेगा।
विश्व संवाद केंद्र हरियाणा के सह प्रांत प्रचार प्रमुख डा. लक्ष्मी नारायण ने अपने संबोधन में कहा कि सत्य के मार्ग पर चलकर न केवल सूचनाओं का प्रसार करें बल्कि उसका उपयोग जनकल्याण में भी करें। आज की पत्रकारिता में हमें आदि पत्रकार देव ऋषि नारद की जनकल्याणकारी पत्रकारिता को अपनाने की आवश्यकता है, तभी हम देव ऋषि नारद की प्रासंगिकता के साथ सही मायने में नारद जयंती को समाज के सामने ला सकेंगे।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुश्री जे वी मनीषा बजाज ने आज के डिजिटल युग में रिपोर्र्टिग और पत्रकारिता की लंबी यात्रा के बारे में बताया।  उन्होंने पत्रकारिता में नए रुझानों से संबंधित बिंदुओं को भी जोड़ा। उन्होंने कहा कि एक पत्रकार का पूर्व कर्तव्य जनता को सटीक समाचार प्रसारित करना, रिपोर्टिंग करते समय एक विविध दिमाग रखना।
कार्यक्रम के अतिथि व शिक्षाविद् डा. पवन सिंह ने कहा कि कथा सत्य नहीं है, सत्य की स्थापना के लिए जो सत्य नहीं है उसका प्रचार करना पड़ता है, आज हमारे सामने सूचनाओं का भंडार है, आवश्यकता है सही और सत्य को चुनने की। समाज को ऐसे लोगों की जरूरत है जो सच को सामने लाएं। मीडिया कर्मी देश को सर्वोपरि रखकर पत्रकारिता करें।