कृषी कानून से आहत किसान आंदोलन को लेकर कल संत बाबा राम सिंह ने की आत्महत्या , आज जसवीर सिंह ने दी जान
करनाल , 17 दिसंबर। हरियाणा के करनाल के सिंघड़ा नानकसर गुरुद्वारा के प्रबंधक बाबा राम सिंह ने बुधवार को किसान आंदोलन में गोली मारकर अपनी जान दे दी थी। बाबा राम सिंह के निधन से आहत हुए एक बुजुर्ग ने गुरुवार को ट्रैक्टर ट्राली के नीचे आकर जान दे दी।
जसबीर सिंह (60) वासी ठरवा बाबा राम सिंह से काफी प्रभावित थे और अक्सर उनके दर्शन के लिए गुरुद्वारा आते रहते थे। बुधवार को जसबीर सिंह को बाबा राम के चले जाने की खबर मिली तो वह काफी आहत हो गए थे। गुरुवार को वह बाबा के अंतिम दर्शन के लिए परिजनों के साथ गुरुद्वारा आए थे। इसी दौरान वह गुरुद्वारा गेट पर लकड़ी से भरी आ रही ट्रैक्टर ट्राली के नीचे कूद गए और गंभीर रूप से घायल हो गए। गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बीच रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
बता दें, दिल्ली सीमा पर चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच संत बाबा राम सिंह ने गोली मारकर अपनी जान दे दी है। उनके पास से एक नोट भी मिला है। वह किसानों के हालात को लेकर बेहद चिंतित थे। नोट में उन्होंने लिखा कि किसानों का दर्द देखा नहीं जा रहा है।
संत बाबा राम सिंह के पास से मिले नोट में लिखा है कि कुंडली बॉर्डर पर किसानों का दुख देखा। अपना हक लेने के लिए सड़कों पर परेशान हो रहे हैं। बहुत दिल दुखा है। सरकार न्याय नहीं दे रही। जुल्म है, जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना उससे भी बड़ा पाप है। किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ कुछ किया और किसी ने कुछ किया। किसी ने अपने सम्मान वापस किए, मतलब अवार्ड, पुरस्कार वापस करके रोष जताया। दास किसानों के हक में सरकारी जुल्म के रोष में आत्मदाह मतलब सुसाइड कर रहा हूं। ये जुल्म के खिलाफ और कीर्ति किसान के हक में आवाज है।