निकिता तोमर हत्याकांड:तौसीफ की माँ को मिली अग्रिम जमानत,पिता की पहले ही हो चुकी है जमानत , तौसीफ ने दिनदहाड़े निकिता को उतारा था मौत के घाट
फरीदाबाद, 15 जनवरी। शुक्रवार को बहुचर्चित निकिता तोमर हत्याकांड के मुख्य आरोपी के परिजनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आज तौसीफ की माँ की अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार कर ली । मामला लगभग 2 साल पुराने अपहरण का है, जिसमें मृतका के परिवार ने राजनैतिक दबाव में आकर समझौता कर लिया था। अब जबकि उसकी हत्या हो चुकी है तो राज्य सरकार के आदेश पर पुराना केस भी फिर से खुल गया है। इसमें मुख्य आरोपी के पिता और मां की अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगाई गई थी। पिता को पहले ही जमानत मिल चुकी है, वहीं आज मां की याचिका भी कोर्ट ने मंजूर कर ली।
दिनदहाड़े बलभगढ़ में गोली मार के की थी निकिता की हत्या
बता दें कि हरियाणा के बल्लभगढ़ में परिवार के साथ रह रही उत्तर प्रदेश के हापुड़ निवासी निकिता तोमर अग्रवाल कॉलेज में B.Com फाइनल ईयर की छात्रा थी। 26 अक्टूबर 2020 को शाम करीब पौने 4 बजे जब वह परीक्षा देकर कॉलेज के बाहर निकली तो सोहना निवासी तौसीफ और रेहान ने कार में अगवा करने की कोशिश की। विरोध करने पर तौसीफ ने निकिता को गोली मार दी थी। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। दिनदहाड़े हुई यह वारदात CCTV कैमरे में कैद हो गई थी।
हत्याकांड की जाँच एसआईटी को सौंपी गयी थी
मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने इस हत्याकांड की जांच SIT को सौंप दी तो टीम ने 5 घंटे के अंदर मुख्य आरोपी तौसीफ को सोहना से गिरफ्तार कर लिया। कुछ ही समय में उसके कार चालक साथी रेहान और हथियार उपलब्ध कराने वाले अजरूदीन को भी धर लिया गया। SIT ने महज 11 दिन में ही तमाम सबूत जमा करके 600 पेज की चार्जशीट तैयार की। 6 नवंबर को कोर्ट में दी गई चार्जशीट में निकिता की सहेली समेत कुल 60 गवाह बनाए गए हैं।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही है सुनवाई
फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर OP सिंह ने इस केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने के लिए गुजारिश की थी, जिसे स्वीकार कर लिया। इस केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरताज बासवाना की कोर्ट में चल रही है।
7 दिसंबर 2020 की सुनवाई में निकिता को घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचाने वाले आकाश भाटिया ने कोर्ट को बताया कि उसने तौसीफ और रेहान को निकिता की हत्या करके तमंचा फेंकते हुए देखा था। उसकी आंखों के सामने ही इन दोनों ने हत्या की थी।
2018 में भी किया गया था निकिता का अपहरण
गौरतलब है कि सरकार ने इस हत्याकांड की जांच के साथ-साथ 2018 में निकिता के अपहरण कांड की भी दोबारा शुरू करने का आदेश दिया था। कोर्ट से अनुमति लेने के बाद पुलिस अपहरण कांड की भी जांच शुरू कर दी। बीते दिनों पुलिस ने कोर्ट से तौसीफ के पिता जाकिर हुसैन मां असमीना और चाचा जावेद के खिलाफ पुलिस ने गिरफ्तारी वारंट हासिल किए थे, लेकिन इनमें से तौसीफ के पिता जाकिर हुसैन मां असमीना की तरफ से अग्रिम जमानत याचिका लगा दी।
11 जनवरी 2021 को कोर्ट ने तौसीफ के पिता की याचिका स्वीकार करते हुए जांच में शामिल होने को कहा था। शुक्रवार को असमीना को भी जमानत मिल गई है। उसे भी कोर्ट ने दो दिन के भीतर जांच में शामिल होने का आदेश दिया है। दूसरी ओर कोर्ट 25 जनवरी को स्टेटस रिपोर्ट तलब की है।
निकिता के पिता का आरोप है तब राजनैतिक दबाव में किया था समझौता
निकिता के पिता मूलचंद तोमर ने अपनी गवाही में बताया था कि वर्ष 2018 में तौसीफ ने निकिता को अगवा किया था। सूचना के दो घंटे बाद ही पुलिस ने निकिता को तौसीफ के घर से बरामद किया था। तौसीफ के परिवार के राजनैतिक रसूख के कारण दबाव में समझौता करने को मजबूर होना पड़ा। इसी का परिणाम है कि आज उनकी बेटी जिंदा नहीं है।