Friday, March 29, 2024
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किसानों का रेल रोको प्रदर्शन :हरियाणा, पंजाब में ट्रेनों की आवाजाही पर रहा ज़्यादा असर; यूपी व राजस्थान में भी दिखा असर 

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नई दिल्ली ,18 फरवरी। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के 85वें दिन गुरुवार को किसानों ने देशभर में दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक ट्रेनें रोककर प्रदर्शन किया। इसका ज्यादा असर पंजाब और हरियाणा में देखा गया। इन दोनों राज्यों में कई ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा। इधर राजस्थान में जयपुर समेत 6 जिलों में प्रदर्शन हुए।

राहत की बात यह रही कि सभी जगह प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। कहीं से किसी तरह की हिंसा या तोड़फोड़ की खबर नहीं आई। रेलवे का कहना है कि ट्रेनों की आवाजाही पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। कुछ इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनें रोकीं, लेकिन अब सभी जोन में ट्रेनों की आवाजाही नॉर्मल हो गई है।

रेल रोको प्रदर्शन का ब्यौरा :

राजस्थान: जयपुर के गांधीनगर स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन रोक दी। जगतपुरा स्टेशन पर भी प्रदर्शन किया गया। जयपुर जिले के चौमूं रेलवे स्टेशन पर आंदोलकारी पटरियों पर बैठ गए। उधर अलवर में भी ट्रेनें रोकी गईं। प्रदेश के 6 जिलों में रेल रोको प्रदर्शन का असर देखा गया।

हरियाणा: पानीपत में टीडीआई  सिटी के पास पुल के नीचे वाले ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही रुक गई। वहां किसान ट्रैक पर बैठ गए। करीब 12.45 बजे पहुंची बांद्रा-अमृतसर पश्चिम एक्सप्रेस को प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया। इससे पहले बठिंडा एक्सप्रेस डेढ़ घंटे लेट आई थी और पैसेंजर्स को लेने के लिए सिर्फ 2 मिनट रुकी थी। हरियाणा में करीब 80 जगहों पर प्रदर्शन हुए।

पंजाब: यहां 15 जिलों में 21 जगहों पर किसानों ने ट्रेनें रोकीं। पटियाला जिले में नाभा, संगरूर में सुनाम, मानसा, बरनाला, बठिंडा में रामपुरा, मंडी, संगत और गोनियाना, फरीदकोट में कोटकपूरा, मुक्तसर में गिद्दड़बाहा, फाजिल्का में अबोहर और जलालाबाद, मोगा में अजीतवाल, जालंधर में तरनतारन, अमृतसर में फतेहगढ़ में ट्रेनें रोकी गईं।

उत्तर प्रदेश: गाजियाबाद, मोदीनगर और हापुड़ में ज्यादा असर देखा गया। तीनों जगह किसान रेलवे ट्रैक पर बैठ गए। पुलिस ने उनसे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की तो मोदी नगर रेलवे स्टेशन पर किसानों ने भी गांधीगिरी दिखाई। उन्होंने पुलिसकर्मियों को मिठाई ऑफर की और उन पर फूल बरसाए।​​​​​​

बिहार: किसानों के प्रदर्शन में राजनीतिक दल भी शामिल हुए। पटना में जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के कार्यकर्ताओं ने तय समय (दोपहर 12 बजे) से आधे घंटे पहले ही रेल रोकना शुरू कर दिया। कुछ कार्यकर्ता पटरी पर लेट गए, पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उधर, रांची में भी रेलवे ट्रैक जाम कर रहे लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

दिल्ली मेट्रो पर भी पड़ा असर 
दिल्ली में प्रदर्शनकारियों ने मोतीनगर के पास ट्रैक जाम कर दिया। वहीं किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए मेट्रो प्रबंधन भी अलर्ट था। एहतियात के तौर पर टीकरी बॉर्डर मेट्रो स्टेशन, पंडित श्रीराम शर्मा, बहादुरगढ़ सिटी और ब्रिगेडियर होशियार सिंह मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए।

 रेलवे स्टशनो पर भारी फ़ोर्स तैनात की गयी थी 
किसानों के रेल रोकने के ऐलान को देखते हुए देशभर में रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स (RPSF) की 20 एक्स्ट्रा कंपनियां यानी करीब 20 हजार अतिरिक्त जवान तैनात किए थे। इनमें से ज्यादातर को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में तैनात किया गया।

 काले कृषि कानून के ख़त्म होने तक नहीं हटेंगे -किसान नेता 

किसान इस बात पर अड़े हैं कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। भारतीय किसान यूनियन (हरियाणा) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चंढूनी ने एक बार फिर कहा है कि उनका संगठन किसानों के हितों के लिए लड़ रहा है और नए कृषि कानूनों की वापसी तक वे अपने घरों को नहीं लौटेंगे। चंढूनी ने कहा कि देशभर में पंचायत और महापंचायत जैसे कार्यक्रमों के जरिए लोगों को बताया जाएगा कि केंद्र सरकार आम लोगों की नहीं बल्कि कॉरपोरेट्स की है।