Thursday, March 28, 2024
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हरियाणा विधानसभा में जजपा के दो विधायकों ने आंदोलनरत किसानों की आवाज़ उठाई , कहा मांगे उचित , दे सकते हैं इस्तीफा

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चंडीगढ़ , 9 मार्च। केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए कृषि कानूनों के विरोध का रंग अब हरियाणा सरकार पर भी चढ़ने लग गया है। यहां विधानसभा के बजट सेशन में भाजपा के सहयोगी दल जननायक जनता पार्टी के दो विधायकों ने मंगलवार को अपनी बात रखी। इनमें से एक ने तो केंद्र सरकार को इन कानूनों को अगले दो-तीन साल के लिए टाल देने की बात कही है, वहीं दूसरे ने प्रदश में चल रही अपनी ही सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने का सुझाव दिया है। उन्होंने तो किसानों की मांग को जायज बताते हुए कहा कि उनके हक के लिए मैं इस्तीफा तक देने को तैयार हूं।

मंगलवार को सदन में जहां विपक्ष ने कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर जमकर घेरा, वहीं जजपा विधायक रामकुमार गौतम ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान तीन कृषि कानूनों को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत अच्छा काम किया है। अगर फिर भी कानून को लेकर किसानों को कोई दिक्कत है तो तीन साल दो माह तक कानून को रोक दें। 2024 के लोकसभा चुनाव जीत हासिल करने के बाद लागू कर दें।

इस दौरान गौतम ने आंदोलन में सक्रिय पंजाब के किसानों पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री को चाहिए कि पंजाब के किसानों के साथ बैठकर हरियाणा के हिस्से का SYL का पानी दिलाएं। पंजाब ने तो खुदी-खुदाई नहर को ही पाट दिया है। इसके अलावा रामकुमार गौतम ने कहा कि राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि राहुल गांधी जीवन में कभी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं, राहुल गांधी जड़ों से पूरी तरह से कट चुके हैं।उधर पार्टी के बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग ने कहा कि हरियाणा सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर कानून बनाए। किसानों की फसल MSP पर ही खरीदी जानी चाहिए। बता दें कि कृषि कानूनों को लेकर बरवाला से जेजेपी विधायक जोगीराम सिहाग इससे पहले भी बगावती सूर दिखा चुके हैं। उन्होंने कहा था कि किसानों की मांग बिल्कुल जायज है, मैं उनके साथ खड़ा हूं। उन्होंने कहा था कि विधायक बाद में, पहले मैं किसान हूं, जरूरत पड़ी तो इस्तीफा देने को तैयार हूं। आज उन्होंने फिर से अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।