चुनावी मौसम में गधों की जोड़ी लेकर मैदान में निकले पूर्व डीसी प्रवीण कुमार, गधों के सहारे जागरूक करना चाहते हैं लोगों को
फरीदाबाद , 22 अगस्त ( धमीजा ) : आपको सुनने में कुछ अजीब लगेगा लेकिन ये सच है कि फरीदाबाद में डीसी रहे प्रवीण कुमार इस चुनावी मौसम में गधों की जोड़ी लेकर मैदान में उतर गए हैं। जी हाँ डीसी रहे प्रवीण कुमार दो गधे और ढोल लेकर अपनी बात जनता तक पहुंचाने के लिए मैदान में आ गए हैं। ये रिटायर्ड आईएएस फरीदाबाद के डीसी और गुरुग्राम के निगम कमिश्नर रहे हैं।
वैसे तो वह फरीदाबाद में डीसी व गुरुग्राम में कमिश्नर के कार्यकाल के दौरान भी अपनी कार्यशैली को लेकर चर्चा में रहे हैं। उन्होंने डीसी रहते हुए भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए तहसीलदार व उनके मातहत कर्मियों को गंगा जल लेकर कसम खिलाई थी कि वह किसी से रिश्वत नहीं लेंगे लेकिन कुछ कारणों के कारण वह कसम तुड़वानी भी पड़ी थी और कसम तुड़वाने के लिए उन सभी को गंगा स्नान के लिए भेजा गया था । उद्योगों से जुड़े एक अफसर को भ्रष्टाचार की शिकायतों के चलते अपने कैंप ऑफिस से गिरफ्तार भी करवा दिया था। सर्दियों में देर रात्रि को गर्म कपडे व कम्बल लेकर सड़क किनारे या फुटपाथ आदि पर सोने वाले भिखारियों या गरीबों को ठण्ड से बचाते थे। यही नहीं अस्वस्थ लोगों का देसी दवाइयों से इलाज भी करते रहे। इनके अलावा अवैध निर्माणों व कब्ज़े हटाने के लिए आधी रात को निगम के तोड़फोड़ दस्ते व पुलिस फ़ोर्स के साथ निकल पड़ते थे। अफसरों को डर लगा रहता था पता नहीं आधी रात को कब उनके फोन की घंटी घनघना उठे और डीसी साहब उन्हें तलब कर लें।
वैसे डीसी रहते हुए खदान चलाने वाला एक नेता अक्सर उनके साथ नज़र आता था परन्तु अब गधों की जोड़ी के साथ निकले प्रवीण कुमार के साथ उनका वो पुराना साथी नज़र नहीं आ रहा और लोग आपस में पूछ रहे हैं कहाँ है उनका पुराना जोड़ीदार ।
इस चुनावी मौसम में रिटायर्ड आईएएस प्रवीण कुमार गधों की जोड़ी और ढोल के साथ लोगों को जीवन जीने का सही तरीका सिखाने निकले हैं। उनका मानना है कि लोग ज़िन्दगी जीने का सही तरीका भूल चुके हैं और अपने निजी स्वार्थ के लिए एक दूसरे का शोषण करने पर उतारू हैं। उनका मानना है कि दूसरों को बदलने से पहले खुद को बदलना होगा। वह इन गधों के ज़रिये सन्देश देना चाहते हैं कि लोग अपनी मानसिकता ठीक करें।