करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में ट्रेनर पर यौन उत्पीड़न मामले में सीमा त्रिखा की अध्यक्षता में 11 सदस्य टीम ने किया दौरा
फरीदाबाद , 21 जनवरी ( धमीजा ) : हरियाणा के करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में शनिवार को विधायक सीमा त्रिखा की अध्यक्षता में 11 सदस्यों की कमेटी निरीक्षण के लिए पहुंची। इस कमेटी के सामने कॉलेज छात्राओं ने सनसनीखेज खुलासा किया। छात्राओं ने ट्रेनर पवन कुमार पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि वह इस मामलेमकी शिकायत मुख्यमंत्री को भी ईमेल के ज़रिये कर चुकी हैं।
छात्राओं के मुखर तेवर के आगे कॉलेज प्रशासन हक्का-बक्का रह गया। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि वह निरीक्षण के लिए आई कमेटी को संभाले या छात्राओं को। स्थिति यह रही कि कॉलेज प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी इधर उधर मुंह छिपाते हुए दिखाई दिए। पीड़ित छात्राओं ने कमेटी के सदस्यों से मिलकर अपनी आपबीती बताई।
कमेटी सदस्यों से मिलने से पहले छात्राओं ने सीएम को ई-मेल के जरिए शिकायत भेजी, जिसमें छात्राओं ने 7 पेज की चिट्ठी में आपबीती बताई। छात्राओं ने आरोप लगाए है कि ओटी ट्रेनर ने उनका ब्रेन वॉश करना शुरू कर दिया था। वह छात्राओं को कहता था कि तुम्हारा यहां मेरे अलावा कोई नहीं है। तुम्हारे मां बाप भी नहीं चाहते कि तुम्हारा भला हो। सिर्फ मेरे साथ हर टाइप की बातें शेयर करनी है।
विधायक सीमा त्रिखा की अध्यक्षता में 11 सदस्यों की कमेटी पहुंची कॉलेज
शनिवार को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में विधायक सीमा त्रिखा की अध्यक्षता में निरीक्षण के लिए 11 सदस्यीय जांच कमेटी कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में पहुंची। इस कमेटी में चार विधायक भी शामिल हैं। जिसमें असंध विधायक शमशेर सिंह गोगी, विधायक शीशपाल, दुराज व अन्य हैं। कमेटी की चेयरपर्सन सीमा त्रिखा ने बीएससी ओटी टेक्नीशियन की छात्राओं से बातचीत की।
पीजीआई में नौकरी लगवाने का लालच भी देता रहा
यहां तक कि छात्राओं को लालच भी दिया गया था कि जो बच्चा उनको सब बच्चों की सभी बातें बताएगा, वह उसको सीआर यानी क्लास रिप्रेजेन्टेटिव बना देगा। साथ ही उसको पीजीआई चंडीगढ़ में भी नौकरी पर लगवा देंगे। मास्टर ट्रेनर छात्राओं पर अश्लील टिप्पणी भी करता था। छात्राओं को इमोशनल ब्लैकमेल किया जाता था। सीआर को भी काफी ज्यादा प्रताड़ित किया गया, जिसका स्वास्थ्य भी खराब हो चुका है।
छात्राओं को डीप नैक के कपडे पहनने पर देता है ज़ोर
मास्टर ट्रेनर होने की वजह से छात्राएं विरोध भी नहीं कर पाती थी। अगर विरोध करती तो उनको प्रताड़ित किया जाता था। यहीं नहीं छात्राओं को उल्टे सीधे मैसेज भी किए जाते थे। यदि कोई रिप्लाई नहीं करता तो उसको अगले दिन टॉर्चर किया जाता था। इसके साथ ट्रेनर कहता था कि इन डीप नेक के कपड़े डालो ताकि ब्यूटी बोन नजर आए
जांच के लिए कमेटी का गठन
असंध से कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी ने बताया कि इस मामले में हमने संज्ञान लिया है। OT ट्रेनर को 3 हफ्ते की छुट्टी पर भेज दिया है। जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया है। 11 दिन में कमेटी अपनी रिपोर्ट सौपेंगी। उन्होंने कहा मेडिकल कॉलेज पर करोड़ों रुपए खर्च तो कर दिए, लेकिन मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर ही पूरे नहीं है।