कोरोना के रिकॉर्ड मामले : फरीदाबाद में आये 580 ,गुडगाँव में 1879 , सबसे ज़यादा केस मंत्री व् विधायकों के क्षेत्र में
फरीदाबाद , 7 जनवरी ( धमीजा ) : आज फरीदाबाद में कोरोना की तीसरी लहर के सबसे ज़यादा 580 मामले रिपोर्ट हुए हैं। फरीदाबाद के साथ लगते गुरुग्राम में 1879 कोरोना पॉजिटिव केस आज ही आज में रिपोर्ट हुए हैं। ये आंकड़े बेहद खतरनाक हैं। कोरोना कितनी तेज़ी से फ़ैल रहा है , लोगों को इसका अंदाज़ा भी नहीं है। फरीदाबाद में सबसे ज़यादा मामले आये हैं जहां स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री कृषणपाल गुर्जर का निवास एवं कार्यालय है यानी सेक्टर -28 में , यहां ज़िले के सर्वाधिक 48 कोरोना मामले आये हैं , इसके बाद सेक्टर -15 में 47 मामले आये हैं , विधायक नरेंद्र गुप्ता रहते हैं। बड़खल की विधायिका सीमा त्रिखा के सेक्टर 21 में 45 और शहर के सबसे पॉश इलाके सेक्टर 14 में 42 मामले आये हैं। वहीँ फरीदाबाद में कांग्रेस के एकमात्र विधायक नीरज शर्मा की कॉलोनी जवाहर कॉलोनी में मात्र 4 ही केस आये हैं , जबकि इस कॉलोनी में सेक्टरों के मुकाबले कई गुणा जनसंख्या रहती है।
देश में कोरोना संक्रमण के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में कुछ दिनों के भीतर ही कोविड की जांच रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। कोविड की जांच करने वाली प्रमुख टेस्टिंग लैब का कहना है कि भारत में पिछले सात दिनों में कोविड की जांच में 60 फीसदी तक की तेजी देखी गई है। इतनी जांच पिछले साल कोरोना की दूसरी लहर की पीक के दौरान हुई थीं। भविष्य में कोविड जांच के और बढ़ने के संकेत लग रहे हैं। हालांकि देशभर में अभी कोविड जांच किट की उपलब्धता को लेकर कोई दिक्कत फिलहाल नहीं है क्योंकि ज्यादातर किट निर्माताओं ने अपने पास पड़े स्टॉक को हाल ही में खत्म किया है।
मुंबई और दिल्ली में जांच सबसे ज़यादा
इस बीच मुंबई में कोविड-19 की जांच ने शीर्ष स्तर को छू लिया है और दिल्ली भी जांच उच्चतम स्तर पर पहुंचने के करीब है। टेस्टिंग लैब का कहना है कि अब इसमें बढ़ोत्तरी की कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि वे फिलहाल अपनी क्षमता का 40 से 50 फीसदी का उपयोग कर रहे हैं। गुरुवार को मुंबई में 67,487 नमूनों की जांच की गई, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। पिछले साल 14 अप्रैल को 56,226 जांच कराई गई थी। दिल्ली में छह जनवरी को 98,434 नमूनों की जांच की गई, जो 11 अप्रैल, 2021 को हुए 114,288 नमूनों के उच्चतम जांच स्तर के आसपास है।
टेस्टिंग किट का उत्पादन तेज़
इस बीच जांच किट निर्माताओं ने भी टेस्टिंग किट का उत्पादन तेज कर दिया है। जांच किट निर्माता भी अपने कुल उत्पादन क्षमता के स्तर को जल्द ही छूने वाले हैं। जानकारी के अनुसार दिल्ली स्थित डॉ. लाल पैथलैब इन दिनों अपनी अखिल भारतीय जांच क्षमता का 40 फीसदी इस्तेमाल कर रही है। लैब अपने सभी सेंटर्स पर फिलहाल रोज 50,000 जांच कर रही है। जबकि मुंबई स्थित मेट्रोपॉलिस हेल्थकेयर भी इन दिनों बड़ी तादाद में जांच कर रहा है। यह पिछले साल दूसरी लहर के शीर्ष स्तर के बराबर है। फिलहाल कंपनी अपनी जांच क्षमता का 50 फीसदी इस्तेमाल कर रही हैं।
कंपनी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बड़े मेट्रो शहरों में संक्रमण के मामलों में भी काफी तेजी देखी जा रही है। इसलिए कोविड की जांच पिछले हफ्ते के मुकाबले अभी तीन गुना बढ़ गई है। इसकी आगे और बढ़ने की संभावना है। तीसरी लहर के प्रकोप को देखते हुए लोगों के लिए जांच व्यापक स्तर पर करना, उपकरण और टूलकिट का इंतजाम करना बेहद जरूरी है।
रोज तैयार हो रहीं लाखों किट
इस बीच देश में कोरोना जांच किट भी तेजी से तैयार की जा रही हैं। पुणे की माईलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस के उच्च अधिकारियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कंपनी के पास तैयार किट की पर्याप्त मात्रा है। हम अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ा रहे हैं। अब तक कच्चे माल की आपूर्ति ठीक है। कंपनी के पास रोजाना 15 लाख रैपिड एंटीजन टेस्ट और एक दिन में 800,000 आरटी-पीसीआर जांच किट बनाने की क्षमता है। माई लैब रोजाना 10 लाख रैपिड एंटीजन और रोजाना 800,000 आरटी-पीसीआर किट तैयार करने वाली है।
जांच करने वाले भी हो रहे हैं पॉजिटिव
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों का असर टेस्टिंग लैब में काम करने वाले कर्मचारियों पर भी पड़ रहा है। लैब में काम करने वाले कर्मचारी तेजी से बीमार पड़ रहे हैं। ऐसे में अन्य कर्मचारियों को लोगों के स्वास्थ्य के लिए ज्यादा समय तक काम करना पड़ रहा है।