चंडीगढ़ के अधिकार को लेकर हरियाणा -पंजाब में बवाल , 5 को बुलाया विशेष विधानसभा सत्र
चंडीगढ़ , 3 अप्रैल ( धमीजा ) : चंडीगढ़ पर अधिकार को लेकर पंजाब और हरियाणा सरकार में टकराव बढ़ गया है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने 5 अप्रैल को हरियाणा विधानसभा का स्पेशल सत्र बुला लिया है। जिसमें चंडीगढ़ को लेकर प्रस्ताव पास किया जा सकता है। इस टकराव की शुरूआत पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई वाली “आप ” सरकार के विधानसभा में प्रस्ताव पास करने से हुई। जिसमें मान सरकार ने केंद्र से चंडीगढ़ पूर्ण तौर पर पंजाब को देने के लिए कहा है।
पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ पर अधिकार का प्रस्ताव पास होने के बाद मनोहर सरकार पर दबाव बढ़ गया । इस प्रस्ताव के विरोध में सभी पार्टियां विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रही थी। जिसके बाद हरियाणा के सीएम निवास पर कैबिनेट मीटिंग हुई। जिसमें स्पेशल सेशन बुलाने का फैसला हो गया।
सीएम मान के फैसले की निंदा
हरियाणा के CM मनोहर लाल खट्टर पंजाब के सीएम भगवंत मान के फैसले को एकतरफा करार दे चुके हैं। उनका कहना है कि हर मुद्दे का हल बातचीत से निकाला जा सकता है। इस तरह एकतरफा फैसला लेना निंदनीय है। अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान को हरियाणा से माफी मांगनी चाहिए। ऐसे फैसलों की लोकतंत्र में कोई जगह नहीं है। उनका कहना है कि चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी है और बनी रहेगी। इसके अलावा भी कई मुद्दे हैं, जिन पर बातचीत होनी चाहिए।
उठ सकता है एसवाईेएल का मुद्दा भी
हरियाणा विधानसभा में सिर्फ चंडीगढ़ नहीं बल्कि हिंदी भाषी एरिया देने और सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर को लेकर भी मुद्दा उठ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो पंजाब सरकार की मुश्किल बढ़ सकती है। SYL मुद्दा पंजाब में काफी संवेदनशील है। खट्टर भी कह चुके हैं अरविंद केजरीवाल पंजाब में पानी रोक रहे हैं और दिल्ली में मांग रहे हैं। इस पर उन्हें स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
आखिर क्यों बढ़ा ये बवाल
चंडीगढ़ पर अधिकार को लेकर पंजाब और हरियाणा में अक्सर तकरार रही है। इस वक्त यह बवाल चंडीगढ़ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद हुआ। शाह ने चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर केंद्रीय सर्विस नियम लागू करने की घोषणा कर दी। अगले दिन इसका नोटिफिकेशन भी हो गया। जिसके बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने स्पेशल सेशन बुलाकर विधानसभा में प्रस्ताव पास कर दिया।