चुनावी सरगर्मी शुरू , कृष्णपाल गुर्जर और महेंद्र प्रताप सिंह आमने सामने ,रोचक होगा चुनाव
फरीदाबाद, 26 अप्रैल ( धमीजा ) : देर रात्रि कांग्रेस द्वारा हरियाणा में अपने उम्मीदवार घोषित करने के बाद चुनावी माहौल में रंगत आने लगी है ।अब तक पूरे प्रदेश में भाजपा उम्मीदवार ही मैदान में थे और वोटरों के पास जा रहे थे। जगह जगह भाजपा उम्मीदवारों का स्वागत हो रहा था तो कई जगह उन्हें जनता का विरोध भी सहना पड़ रहा था। लेकिन अभी तक जनता के सामने भाजपा के अलावा कोई विकल्प नहीं था, चूंकि कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार घोषित ही नहीं किए थे। इससे कांग्रेस की फजीहत भी हो रही थी और उनकी गुटबाजी भी सामने आ रही थी।
बीती देर रात्रि कांग्रेस ने फरीदाबाद से पूर्व मंत्री चौधरी महेंद्र प्रताप सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। वह कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं जनता में भी उनकी अच्छी छवि है और ज़मीनी नेता माने जाते हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा उम्मीदवार पार्टी के ज़िला व प्रदेश अध्यक्ष के साथ प्रदेश में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और पिछली दो बार से लगातार फरीदाबाद से सांसद निर्वाचित हुए हैं। केंद्र में मोदी मंत्रीमंडल में राज्य मंत्री का स्थान पाकर बड़ा मुकाम हासिल किया है। दोनों ही उम्मीदवार अपनी अपनी पार्टी के धुरंधर नेता माने जाते हैं। यही नहीं मंत्री कृष्णपाल व कांग्रेस उम्मीदवार महेंद्र प्रताप सिंह दोनों ही गूजर समुदाय से हैं। इसलिए गूजर समुदाय का इस चुनाव में अहम रोल रहेगा।
वैसे तो जात बिरादरी के आधार पर किसी समुदाय के वोटरों की सही संख्या कहीं उपलब्ध नहीं है लेकिन मोटे तौर पर फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में जाट एवं गूजर समुदाय के वोट सबसे अधिक हैं। लगभग साढ़े तीन – साढ़े तीन लाख वोटर हैं। वहीं एससी मतदाताओं की संख्या भी लगभग तीन लाख है।
लगभग 23.50 लाख मतदाताओं वाली इस लोकसभा सीट में मुस्लिम मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं। लगभग 2.50 लाख मेव वोट हैं और करीब इतने ही ब्राह्मण वोटर हैं तो पंजाबी तथा वैश्य समुदाय के 2 -2 लाख मतदाता हैं। राजपूत वोटर भी एक लाख से ज्यादा हैं। इनके अलावा अन्य बिरादरियों के मिलेजुले वोट हैं।
यूँ तो भाजपा एवं कांग्रेस के अलावा बसपा से किशन ठाकुर , इनलो से सुनील तेवतिया तथा जजपा से नलिन हूडा मैदान में हैं। लेकिन इस सीट पर सीधा मुकाबला भाजपा के कृषणपाल गुर्जर तथा कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र प्रताप सिंह के बीच है। 25 मई को होने वाले चनाव में लगभग एक माह का समय है। इस एक महीने में चुनावी सरगर्मी के साथ साथ मौसम भी गर्माता चला जाएगा। इस गर्माहट में जनता तय करेगी किसे झुलसाना है और किसे गले लगाना है।