Saturday, April 27, 2024
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पुस्तक मेला : लक्ष्मी नारायण ने किया “प्रेमचंद साहित्य : राष्ट्रीयता बनाम साम्प्रदायिकता ” का विमोचन

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नई दिल्ली, 2 मार्च ( धमीजा ) : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक लक्ष्मी नारायण भाला ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद हिन्दुत्व के हिमायती थे। श्री भाला आज यहां पुस्तक मेला में किताब वाले प्रकाशन समूह द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘ प्रेमचंद साहित्य: राष्ट्रीयता बनाम साम्प्रदायिकता ‘ का विमोचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है। प्रेमचंद ने भी अपने लेखन में तत्कालीन समाज का दृश्य दिखाया है। हालांकि वह यह जरूर मानते हैं कि हिन्दू अपने साथ – साथ समाज और देश के बारे में चिन्तन करता है जबकि कुछ धर्म विशेष के लोग सिर्फ अपने सम्प्रदाय के बारे में ही सोचते हैं। उन्होंने कहा कि वामपंथियों ने प्रेमचंद का गलत विश्लेषण किया है।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के कुलाधिपति प्रो बलवंत राय जानी ने कहा कि प्रेमचंद ने अपने लेखन में हमेशा परिवार, समाज और देश की बातें लिखी हैं लेकिन दुर्भाग्यवश उनके निधन के बाद इतिहासकारों और समीक्षकों ने उनका गलत मूल्यांकन किया है।
इस अवसर पर पुस्तक के लेखक ईश्वर दास जौहरी, किताब वाले प्रकाशन समूह के प्रबंध निदेशक प्रशान्त जैन, राकेश मंजुल, डॉ अमित राय जैन समेत कई गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे।
इससे पूर्व किताब वाले प्रकाशन समूह द्वारा प्रकाशित , प्रभा ललित सिंह द्वारा लिखित दो उपन्यासों ‘आद्रिका’ और ‘पीड़ द पेन’ का विमोचन अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के संगठन सचिव डॉ बाल मुकुंद पाण्डेय ने किया। आद्रिका में लव जिहाद से पीड़ित एक युवती के संघर्ष की गाथा है तो ‘ पीड़ द पेन’ में कोरोना काल के दौरान पैदल घर लौट रहे मजदूरों की  त्रासदी और पहाड़ की महिलाओं की पीड़ा का उद्रेक है।