Friday, April 26, 2024
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पुस्तक मेला : प्रो रजनीश शुक्ल ने किया ‘ सामुदायिक रेडिओ ‘ तथा ‘ दीर्घतमा ‘ का विमोचन

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नई दिल्ली, 3 मार्च ( धमीजा ) :  महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के कुलपति प्रो रजनीश शुक्ल ने कहा कि देश में संचार माध्यमों की बहुलता के बावजूद सामुदायिक रेडियो की प्रासंगिकता बरकरार है। द्वितीय विश्व युद्ध से लेकर भुज के भूकंप तक और आज भी खबरों को अपडेट करने में आकाशवाणी की अहम भूमिका रही है। वह आज यहां पुस्तक मेला में सौरभ कुमार मिश्र लिखित और किताब वाले प्रकाशन समूह द्वारा प्रकाशित ‘ सामुदायिक रेडियो ‘ और सूबेदार लिखित पुस्तक ‘ दीर्घतमा’ के विमोचन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने वाला मानव समूह सिर्फ शहरों, महानगरों में ही नहीं बल्कि सुदूर गांवों और वनों में भी बसता है, जिसे जोड़ने का एकमात्र साधन सामुदायिक रेडियो है।
इस अवसर पर भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय सचिव डॉ बाल मुकुंद पाण्डेय ने सामुदायिक रेडियो की प्रासंगिकता बताते हुए कहा कि शायद इसीलिए देशवासियों तक अपने मन की बात पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री जी ने रेडियो का ही सहारा लिया है। वरिष्ठ पत्रकार और लेखक राकेश मंजुल ने कहा कि भारतीय भाषा के विकास में रेडियो का अहम योगदान रहा है। उसने जनमानस को कई नये शब्द दिए हैं। समारोह को डॉ राममनोहर लोहिया विश्वविद्यालय, फैजाबाद के पूर्व कुलपति डॉ मनोज दीक्षित, किताब वाले प्रकाशन समूह के प्रबंध निदेशक प्रशान्त जैन, लेखक द्वय सौरभ कुमार मिश्र और सूबेदार ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर कई गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे।