पंजाबी ब्राह्मण सभा फरीदाबाद द्वारा भगवान परशुराम जयंती आयोजित ,चेयरमैन अश्वनी त्रिखा ने परशुराम की जीवनी पर डाला प्रकाश
फरीदाबाद, 22 अप्रैल ( धमीजा ): पंजाबी ब्राह्मण सभा फरीदाबाद द्वारा आज पर्वतीय कालोनी में भगवान परशुराम मंदिर एवं धर्मशाला में भगवान परशुराम जयंती मनाई गई। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पंजाबी ब्राह्मण सभा फरीदाबाद के चेयरमैन पं.अश्वनी त्रिखा, सभा के प्रधान गणेश शर्मा, वाइस चेयरमैन राजन ओझा, हरीश ऋषि, सुरेन्द्र शर्मा विशेष रूप से मौजूद थे।
इस अवसर पर चेयरमैन अश्वनी त्रिखा का प्रधान गणेश शर्मा, वाईस चेयरमैन राजन ओझा, हरीश ऋषि ने पटका पहना वा सरोपा भेंट कर कर सम्मान किया।
इस अवसर पर चेयरमैन अश्वनी त्रिखा ने भगवान परशुराम की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान परशुराम त्रेता युग में एक भट्ट ब्राह्मण ऋषि के यहां जन्मे थे। जो प्रभु विष्णु के छठा अवतार हैं। महाभारत और विष्णुपुराण के अनुसार भगवान परशुराम का मूल नाम राम था किन्तु जब भगवान शिव ने उन्हें अपना परशु नामक अस्त्र प्रदान किया तभी से उनका नाम परशुराम हो गया। पितामह भृगु द्वारा सम्पन्न नामकरण संस्कार के अनन्तर राम कहलाए। वे जमदग्नि का पुत्र होने के कारण जामदग्न्य और शिवजी द्वारा प्रदत्त परशु धारण किये रहने के कारण वे परशुराम जी कहलाये। आरम्भिक शिक्षा महर्षि विश्वामित्र एवं ऋचीक के आश्रम में प्राप्त होने के साथ ही महर्षि ऋचीक से शाङ्र्ग नामक दिव्य वैष्णव धनुष और ब्रह्मर्षि कश्यप से विधिवत अविनाशी वैष्णव मन्त्र प्राप्त हुआ।
पंजाबी ब्राह्मण सभा के वाइस चेयरमैन राजन ओझा ने कहा कि भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया पर हुआ था इसलिए अक्षय तृतीया के दिन परशुराम जयंती मनाई जाती है। अक्षय तृतीया को भगवान परशुराम का जन्म माना जाता है। इस तिथि को प्रदोष व्यापिनी रूप में ग्रहण करना चाहिए क्योंकि भगवान परशुराम का प्राकट्य काल प्रदोष काल ही है।
इस अवसर पर सुरेन्द्र शर्मा, नरेन्द्र सुंदर, राजीव शर्मा, पं. अशोक तिवारी, अजय शर्मा, राजेश, रमेश, बिट्टू, देवेन्द्र, हैप्पी, गौरव, पवन, राममेहर, टिंकू, अशोक, हरजिन्दर, बक्शी सहित अन्य मौजिज लोग उपस्थित थे।