केंद्रीय मंत्री टुडू का विवादित ब्यान , UPSC पास करने वाले ज़्यादातर डैकेत , आईएएस अशोक खेमका ने किया पलटवार
नई दिल्ली ,12 अप्रैल ( धमीजा ) : केंद्रीय मंत्री विश्वेश्वर टुडू की विवादित टिप्पणी पर हरियाणा के चर्चित आईएएस अशोक खेमका की एंट्री हो गई है। यूपीएससी पास करने वालों को डकैत कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री के बयान पर खेमका ने टिप्पणी की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि डकैती का विरोध करने वालों का क्या हश्र होता है?। कुछ चतुर शुतुरमुर्ग की तरह व्यवहार करते हैं।
कुछ गिरोह में शामिल होकर मजे करते हैं। खेमका ने तंज कसते हुए लिखा है कि विरोध करने वालों को प्रताड़ित कर दरकिनार कर दिया जाता है।
टुडु ने विवादित बयान में कहा, UPSC पास करने वाले ज़्यादातर डैकेत
केंद्रीय मंत्री बिश्वेश्वर टुडु ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के जरिए नियुक्त हुए अधिकारियों को डकैत कहकर विवाद खड़ कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक चिकन चोर को दंडित किया जा सकता है, लेकिन एक अधिकारी जो खनिज माफिया को चलाता है। उसे छुआ नहीं जा सकता क्योंकि सिस्टम उसकी रक्षा करता है। टुडु ने कहा है कि मुझे लगता था कि जिन्हें UPSC के माध्यम से नियुक्त किया जाता है , वह सबसे अधिक जानकार व्यक्ति होते हैं।
हमेशा उच्च पदों पर आसीन होते हैं, लेकिन अब मुझे लगता है कि जो लोग वहां से उत्तीर्ण हुए हैं उनमें से ज्यादातर डकैत हैं। मैं 100 फीसदी अधिकारियों के बारे में ऐसा नहीं कहता, लेकिन उनमें से कई डकैत हैं।
3.98 लाख फॉलोअर्स हैं खेमका के
हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अशोक खेमका सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं। यही कारण हैं सोशल मीडिया पर उनके फॉलोअर्स की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। ट्विटर पर ही उन्हें देश विदेश के 3.98 लाख लोग उन्हें फॉलो करते हैं। अशोक खेमका अपने प्लेटफार्म के जरिए सिर्फ 20 लोगों को फॉलो करते हैं। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुब्रमण्यम स्वामी, मेधा पाटकर, रवीश कुमार जैसी हस्तियां शामिल हैं।
लगभग हर 6 महीने में होती है उनकी ट्रांसफर
हरियाणा के चर्चित IAS अधिकारी अशोक खेमका हरियाणा के वह आईएएस है जिनका 30 साल की नौकरी में 56 बार ट्रांसफर हो चुका है। हाल ही में हरियाणा सरकार के द्वारा अपने ट्रांसफर पर सवाल उठा चुके हैं। 1991 बैच के आईएएस अधिकारी खेमका को सरकार ने चौथी बार अभिलेखागार विभाग दिया है। इस विभाग में सिर्फ 22 कर्मचारी काम करते हैं। जहां दूसरे विभागों का एनुअल बजट हजारों करोड़ होता है वहीं अभिलेखागार विभाग का बजट सिर्फ 4 करोड़ रुपए है।