Friday, April 26, 2024
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ग्रेटर फ़रीदाबाद के डीपीएस कोरोना केन्द्र में ज़यादातर बेड खाली, नहीं मिल रहा मरीज़ो को दाखिला, लगने लगे प्रश्नचिन्ह

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फरीदाबाद , 1 मई  ( धमीजा ) :  कोरोना महामारी के महासंकट में लोगों के इलाज के लिए ग्रेटर फरीदाबाद के डीपीएस स्कूल में बनाये गए कोविड केंद्र में मरीज़ो का दाखिला रोक दिया गया है।  जहां लोग पहले स्कूल में अपने बच्चो के एडमिशन के लिए बड़ी बड़ी सिफारिशें ढूंढते थे वहीं अब कोविड पॉजिटिव मरीज उसी स्कूल में भर्ती होने के लिए भटक रहे हैं और जगह जगह दस्तक दे रहे हैं कि किसी तरह उन्हें वहाँ बेड मिल जाए लेकिन उनकी कोशिशें कामयाब नहीं हो पा रही हैं। ऐसा नहीं कि ये कोविड केंद्र भी सरकारी व प्राईवेट अस्पतालों की तरह फुल हो गए है।  यहां तो चंद मरीज़ ही भर्ती हुए लेकिन उसके बाद ही वहाँ मरीज़ों की भर्ती रोक दी गयी।  शहर के इस नामी गिरामी स्कूल के मालिक रोहित जैन द्वारा ऑक्सीजन युक्त 200 बेड का कोविड केंद्र शुरू किये जाने की खबर सुनते ही शहर के लोगों में आशा की किरण जागी लेकिन एक ही दिन में 15 -16 मरीज़ भर्ती किये जाने के बाद मरीज़ों की भर्ती एकाएक रोक दी गयी।  वहां एडमिट होने के लिए कोविड पॉजिटिव मरीज़ों की लम्बी लाईन लगी है लेकिन उन्हें बेड नहीं मिल पा रहा है और उन्हें भारी निराशा हो रही है। उन्हें ये भी नहीं बताया जा रहा कि उन्हें क्यों एडमिट नहीं किया जा रहा, जिसकी वजह से लोगो में निराशा के साथ गुस्सा भी बढ़ने लगा है और तरह तरह के आशंकित सवाल भी उठने लगे हैं। आंतरिक सूत्रों से पता चला है कि लोगों की मदद के लिए खोले गए इस अस्थाई कोविड केंद्र की नर्सें एवं अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ ही कोरोना पॉजिटिव हो गया है , जिसकी वजह से वहाँ कोरोना मरीज़ों को एडमिट करने से रोक दिया गया है। इस केंद्र में एडमिट होने के लिए आने वाले मरीज़ों व उनके परीजनों को सही जानकारी ना मिलाने की वजह से उक्त कोविड केंद्र को लेकर लोगों में तरह तरह के आशंकायें पैदा होने लगी हैं। चूंकि महामारी के इस माहौल में प्राइवेट अस्पतालों में बेड , ऑक्सीजन और रेमेडिसवर इंजेक्शन ने मिलना और इनकी कालाबाज़ारी ने लोगों का विश्वास खो दिया है।  यही नहीं अस्पतालों की बिलिंग में धन को काला और सफ़ेद करने के धन्धे की आवाज़ें भी गूंजने लगी हैं।  स्वभाविक है ऐसे में यदि ऑक्सीजन युक्त 200 बेड का अस्पताल खाली पड़ा है और उसके बावजूद मरीज़ों को भर्ती नहीं किया जा रहा और उन्हें कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया जा रहा तो अस्पताल पर प्रश्नचिन्ह लग सकते हैं। चूंकि इसी स्कूल में बच्चों को दाखिल करवाने के लिए अभिभावकों को क्या कुछ नहीं करना पड़ता , ये किसी से छिपा नहीं है।  जबकि अस्पताल खोलते वक्त स्कूल के मालिक रोहित जैन ने घोषणा की थी कि वह सेवा भाव से यह कोविड केंद्र खोल रहे हैं। यहां कोरोना पोसिटिव लोगों से कोई रकम नहीं वसूली जाएगी और उन्हें ऑक्सीजन , दवाईयां तथा खाने के साथ साथ शहर के नामी गिरामी डॉटरों की देखरेख में इलाज मुहैय्या करवाया जाएगा।