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हरियाणा में कॉर्पोरेट कार्यालयों में शराब लाइसेंस देने की नीति को नहीं मिल रहा लाइसेंस, कॉर्पोरेट नहीं चाहते उनके कर्मी कार्यालय परिसर में पीएं शराब

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फरीदाबाद , 21 जून ( धमीजा ) : हरियाणा सरकार द्वारा बड़े कॉर्पोरेट कार्यालयों में शराब का लाइसेंस देने वाली नीति को रिस्पांस नहीं मिल रहा है। बड़े कॉर्पोरेट घराने ऑफिस में कर्मचारियों को बियर-वाइन पिलाने के लिए इच्छुक नहीं है। उन्हें यह डर सता रहा है कि शराब के नशे में वह अनुशासनहीनता कर सकते हैं। इसके साथ ही नशे की हालत में ऑफिस से घर जाना भी उन्हें महंगा पड़ सकता है। सफर के दौरान उनके एक्सीडेंट की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। यही कारण है कि सरकार के कॉर्पोरेट घरानों द्वारा अपने कर्मचारियों को शराब परोसने के लिए एक भी आवेदन नहीं किया गया है।

हरियाणा सरकार की शराब पालिसी बटोर रही सुर्खियां 
सरकार ने इस व्यवस्था के लिए एल-10 एफ लाइसेंस के तहत, कॉर्पोरेट घरानों को बीयर, वाइन और रेडी-टू-ड्रिंक पेय जैसे कम मात्रा वाले अल्कोहल पेय परोसने की अनुमति दी है। एक्साइज पॉलिसी 2023-24 में 12 जून से लागू यह प्रावधान सुर्खियां बटोर रहा हैं।

कॉर्पोरेट कार्यालयों में शराब लाइसेंस के नियम
9 मई को स्वीकृत पॉलिसी के तहत कम से कम 5 हजार कर्मचारियों वाले कॉर्पोरेट कार्यालय में शराब रखने और उपभोग करने की अनुमति दी गई है। ऑफिसर परिसर में एक लाख वर्ग फुट का न्यूनतम कवर क्षेत्र होना चाहिए, जो स्व-स्वामित्व या पट्टे पर हो सकता है। अगर कैंटीन या भोजनालय का न्यूनतम क्षेत्र 2,000 वर्ग फुट से कम नहीं है तो यह लाइसेंस की भी अनुमति देता है।अनुदान की प्रक्रिया बार लाइसेंस के समान ही है। आवेदन करने वाली कंपनी को 3 लाख रुपए की सुरक्षा राशि के अलावा 10 लाख रुपए वार्षिक शुल्क का भुगतान करना होगा।

सरकार के इस आकर्षक प्रस्ताव को राज्य की कंपनियों ने कई कारणों से इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। एक वरिष्ठ आबकारी अधिकारी ने बताया कि लाइसेंस के लिए 70 प्रतिशत से अधिक व्यवसायिक घराने अयोग्य हैं, क्योंकि उनमें से अधिकांश कोविड काल के बाद से छोटे स्थानों या सह-कार्यस्थलों में स्थानांतरित हो गए हैं।

क्यों शराब लाइसेंस नहीं लेना चाहते कॉर्पोरेट घराने 
कॉर्पोरेट घरानों के द्वारा कुछ दूसरे कारणों से भी इस प्रस्ताव से दूरी बनाई है। उन्हें डर है कि ऑफिस से कर्मचारी शराब पीकर गाड़ी चलाकर घर जाएगा, इस दौरान रास्ते में किसी दुर्घटना होने की संभावनाएं अधिक हो जाती हैं। उन्हें यह भी डर है कि यदि वह ऑफिस में शराब परोसेंगे तो कर्मचारियों को ज्यादा शराब पीने या अनुशासनहीनता करने से कौन रोकेगा।

यह विभिन्न कार्यालय आचरण मुद्दों को बढ़ा सकता है। इसके परिणामस्वरूप न केवल दक्षता कम हो सकती है, बल्कि अनुशासनात्मक मुद्दे भी हो सकते हैं।