हरियाणा कांग्रेस का संगठन खड़ा करने की कवायद तेज़ , अपने अपने समर्थकों को एडजस्ट करवाने की लॉबिंग चालू , 33 जिला अध्यक्षों की होगी नियुक्ति
फरीदाबाद , 7 फरवरी ( धमीजा ) : पिछले लगभग 8 सालों से बिना संगठन के हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कभी भी जिला अध्यक्षों सहित पदाधिकारियों की घोषणा कर सकते हैं। पार्टी के नेता संगठन बनने की आहट को लेकर एक्टिव हो गए हैं और अपने समर्थकों को एडजस्ट कराने की जुगत में लग गए हैं। संगठन की घोषणा से पहले पार्टी विधायक किरण चौधरी कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुकी हैं। हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान भी दिल्ली पहुंचे हुए हैं।
हरियाणा कांग्रेस के संगठन का खाका लगभग खींचा जा चुका है। जिलाध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्षों के नामों की सूची हाईकमान के पास हेज दी गई है। आदमपुर उपचुनाव से पहले ही पार्टी की ओर से यह सूची आलाकमान को भेजी जा चुकी है, लेकिन गुटबाजी के कारण यह लिस्ट सार्वजनिक नहीं की जा सकी है। अगले साल लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों के कारण पार्टी संगठन पर ज्यादा फोकस कर रही है।
बदल गए तीन प्रदेश अध्यक्ष परन्तु नहीं बना संगठन
हरियाणा कांग्रेस में 8 साल में 3 प्रदेश अध्यक्ष बन चुके हैं। इन 8 सालों में कोई भी प्रदेश अध्यक्ष संगठन को खड़ा नहीं कर पाया है। गुटबाजाी के कारण अब तक जिलाध्यक्ष व ब्लॉक अध्यक्षों के अलावा प्रदेश कार्यकारिणी तक का भी गठन नहीं हो पाया है। गुटबाजी को लेकर आलाकमान भी अपनी नजरें गड़ाए हुए है।
राहुल की यात्रा के बाद शुरू हुआ अभियान
हरियाणा में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू हो चुका है। जिला और ब्लॉक स्तर पर संगठन नहीं होने के कारण हाथ से हाथ जोड़ो अभियान में दिक्कत आ रही हैं। हालांकि पार्टी के नेताओं का कहना है कि अभियान शुरू हो चुका है और अभी तक किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आ रही है।
22 जिलों में बनेंगे 33 जिला अध्यक्ष, 180 ब्लॉक प्रधान
प्रदेश में 22 जिले हैं, लेकिन हरियाणा कांग्रेस कुछ बड़े जिलों में 2 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति करेगी। बताया जा रहा है कि 22 जिलों में 33 जिलाध्यक्ष बनाए जाएंगे। शहरी और ग्रामीण जिलाध्यक्ष अलग-अलग बनाए जाएंगे। अंबाला जिले में 3 जिलाध्यक्ष होंगे। इसी प्रकार से 180 ब्लॉक के प्रधान बनाए जाने हैं। करीब इतने ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी बनाए जाएंगे।
अशोक तंवर और कुमारी सैलजा दे गए थे इस्तीफा
हरियाणा में अशोक तंवर फरवरी 2014 में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बने। तब तंवर सिरसा संसदीय सीट से कांग्रेस के सांसद थे। तंवर से पहले साढ़े 6 साल फूलचंद मुलाना प्रदेशाध्यक्ष रहे, जो कि हुड्डा के खास थे। तंवर के प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के साथ खींचतान रही। ऐसे में तंवर संगठन नहीं खड़ा कर सके। साल 2016 में दिल्ली में कांग्रेस रैली में हुड्डा समर्थकों की तंवर के साथ झड़प भी हुई थी । इसके बाद साल 2019 विधानसभा चुनावों में टिकट वितरण से नाराज तंवर ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था । बाद में कुमारी सैलजा को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया। वह भी अपने कार्यकाल में संगठन खड़ा नहीं कर पाई और अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुकी हैं।