अगले साल होने वाले चुनाव से पहले आरएसएस प्रमुख भागवत की अध्यक्षता में पानीपत में महत्वपूर्ण बईठक , नड्ढा भी रहे मौजूद
पानीपत , 12 मार्च ( धमीजा ) : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस ) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बेहद महत्वपूर्ण बैठक रविवार सुबह से हरियाणा में शुरू हो गई। पानीपत के समालखा एरिया में हो रही इस मीटिंग में आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत के अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी पहुंचे। इस मीटिंग में आरएसएस की शाखाओं में महिलाओं को शामिल करने पर चर्चा हुई।
ये मीटिंग 14 मार्च तक चलेगी। मीटिंग से पहले सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने बताया कि देशभर से आरएसएस के साथ जुड़ने का सिलसिला जारी है। बीते 6 बरसों में यानि वर्ष 2017 से वर्ष 2022 तक 7 लाख 25 हजार लोगों ने आरएसएस से जुड़ने को लेकर संघ की वेबसाइट पर रिक्वेस्ट डाली। यानी हर साल 1 लाख 20 हजार लोगों ने संघ से जुड़ने में रुचि दिखाई। इनमें से ज्यादातर की उम्र 20 से 35 वर्ष के बीच रही। इनमें से 75% का मकसद संघ से जुड़कर समाज सेवा करना रहा
10 दिन के हरियाणा प्रवास पर मोहन भागवत
मोहन भागवत 10 दिन के हरियाणा प्रवास पर हैं और इस 3 दिवसीय मीटिंग की सारी रूपरेखा 4 दिन पहले ही तय हो गई थी। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेडकर ने बताया कि इस महत्वपूर्ण मीटिंग में 14 मार्च तक लगातार डिस्कशन के दौर चलेंगे। इस दौरान संघ के वर्ष 2022-2023 के कामकाज की समीक्षा के साथ-साथ अगले साल यानी 2023-2024 के वर्किंग प्लान पर भी चर्चा होगी।
संघ को बढ़ाने पर कार्य
डॉ. वैद्य ने कहा कि 2025 में संघ की स्थापना के 100 साल पूरे होने जा रहे हैं। इस समय संघ देशभर में 71 हजार से ज्यादा जगह पर प्रत्यक्ष तौर पर काम करके समाज को बदलने में अपनी भूमिका निभा रहा है। संघ का टारगेट अगले एक साल में एक लाख जगह तक पहुंचने का है। कोरोना के बाद देश में संघ का काम बढ़ा है। 109 जगह संघ के शिक्षा वर्ग होंगे और 20 हजार स्वयंसेवकों के ट्रेनिंग लेने का अनुमान है।
2025 में 100 साल पूरे हो रहे आरएसएस के
वर्ष 2025 में आरएसएस की स्थापना के 100 साल पूरे होने जा रहे हैं। सुनील अंबेडकर ने बताया कि प्रतिनिधि सभा की मीटिंग में शताब्दी वर्ष और 2025 तक नए लोगों को से जोड़ने का टारगेट सामने रखते हुए वर्ष 2023-24 का वर्किंग प्लान बनाने पर चर्चा हो रही है।
12 साल बाद हरियाणा में आरएसएस की इतनी बड़ी मीटिंग
हरियाणा में आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की मीटिंग 12 साल बाद हो रही है। अगले साल देश में होने वाले लोकसभा चुनाव के अलावा हरियाणा में अगले साल विधानसभा चुनाव भी हैं। वर्ष 2014 में हरियाणा में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने वाली भाजपा 2019 के चुनाव में बहुमत लायक सीटें नहीं जीत पाई और उसे सरकार बनाने के लिए जननायक जनता पार्टी (JJP) जैसे नए दल का सहारा लेना पड़ा । 2019 में ही अस्तित्व में आने वाली जजपा का वह पहला ही चुनाव था। 2019 से ही बीजेपी को हरियाणा में अपनी लोकप्रियता घटती नजर आ रही है।
2024 चुनाव से पहले आरएसएस टॉप लीडरशिप की बड़ी मीटिंग
2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले आरएसएस की टॉप लीडरशिप की यह बड़ी मीटिंग है। इस लिहाज से इसमें संघ और भाजपा के बीच को-ऑर्डिनेशन का काम करने वाले कुछ चेहरे बदलने के साथ-साथ संघ में भी कुछ लोगों की जिम्मेदारियां बदलने का फैसला हो सकता है।
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (ABPS) की इस वार्षिक बैठक में देशभर से आरएसएस के 1400 स्वयंसेवक शामिल हुए हैं। इनमें सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत व सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले के साथ सभी सह सरकार्यवाह, RSS की अखिल भारतीय कार्यकारिणी, क्षेत्रीय व प्रांतीय कार्यकारिणी, संघ के निर्वाचित प्रतिनिधि और सभी विभाग प्रचारकों के साथ-साथ संघ के ही 34 अलग-अलग संगठनों के चुनिंदा निमंत्रित स्वयंसेवक शामिल हैं।
इस मीटिंग की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत मीटिंग से 4 दिन पहले ही समालखा पहुंच गए। वह 4 दिन यहां पट्टीकल्याणा गांव में इस मीटिंग के लिए बनाए गए सेंटर में संघ के प्रमुख चेहरों से विचार-मंत्रणा करते रहे।