बहुचर्चित 200 करोड़ के घोटाले में नगर निगम का ठेकेदार गिरफ्तार, छह दिन के रिमांड पर , कई आला अफसरों की नींद हराम
फरीदाबाद, 6 अप्रैल ( धमीजा) : नगर निगम पर अब एकाएक विजिलेंस का शिकंजा कसता जा रहा है। छोटे व मध्यम दर्ज़े के अधिकारीयों के बाद अब वरिष्ठ अफसर भी लपेटे में आ सकते हैं। फरीदाबाद नगर निगम में करीब 200 करोड़ रुपये घोटाले के बहुचर्चित मामले में राज्य सतर्कता ब्यूरो (विजिलेंस) ने सतबीरा एंड सतबीरा फर्म के मालिक ठेकेदार सतबीर को गिरफ्तार कर लिया है। विजिलेंस ने आरोपी को मंगलवार रात को हिरासत में ले लिया । आज उसे अदालत में पेश कर छह दिन के रिमांड पर लिया गया है। इस मामले की जांच के लिए विजिलेंस के पुलिस अधीक्षक अभिषेक जोरवाल ने उप अधीक्षक अनिल कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यी विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन भी कर दिया है। ठेकेदार सतबीर की गिरफ्तारी के बाद निगम के कई आला अधिकारियों में हड़कंप मच गया है और ये उच्च अधिकारी अब अपने बचाव के लिए भागदौड़ में लग गए हैं , ताकि उनका बचाव हो सके। ठेकेदार की गिरफ्तारी के बाद नगर निगम के वह अधिकारी भी एकाएक तनाव में आ गए हैं जो अपने को शहंशाह से काम नहीं समझते थे। यहां तक कि भ्रष्टाचार में डूबे अधिकारी अपने तबादले व प्रमोशन को लेकर सरकार के आदेश को अदालत में चैलेंज कर सरकार को भी बौना साबित कर अपनी चला रहे हैं। बिना काम किये नगर निगम से करीब 200 करोड़ रुपये का भुगतान किये जाने का मामला काफी समय से चर्चा में है। नगर निगम के ठेकेदार एवं अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया ये घोटाला सारे प्रदेश में चर्चा में बना हुआ है। लेकिन इसमें लिप्त नगर निगम के आला अधिकारी इतने प्रभावशाली हैं कि सरकार के चाहते हुए भी ये मामला लम्बे समय से लंबित है और इसमें किसी अफसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हो पाई। लेकिन लगता है अब सरकार ने इन प्रभावशाली अफसरों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। सम्बंधित ठेकेदार की गिरफ्तारी के बाद अब इन आला अधिकारीयों की नींद भी उड़ गयी है। अब ये अधिकारी अपने बचाव के लिए अपने आकाओं के सामने नतमस्तक हो गए हैं। चर्चा तो ये भी है कि भ्रष्टाचार से बचने के लिए भी हर भ्रष्ट रास्ता अपनाने के लिए अधिकारी जुट गए हैं।
लगभग 200 करोड़ रुपये का यह घोटाला मई 2020 में उजागर हुआ था। फरीदाबाद नगर निगम के चार पार्षदों ने तत्कालीन निगम आयुक्त को शिकायत दी थी कि निगम के लेखा विभाग ने ठेकेदार सतबीर की विभिन्न फर्मों को बिना काम किए भुगतान कर दिया । निगम आयुक्त ने अपने स्तर पर मामले की जांच कराई। ठेकेदार को भुगतान में अनियमितताएं पाए जाने पर उन्होंने विजिलेंस से जांच की सिफारिश की। वर्ष 2020 से विजिलेंस इस मामले की जांच कर रही थी। जांच के दौरान विजिलेंस ने ठेकेदार सतबीर, कार्यकारी अभियंता प्रेमराज, कनिष्ठ अभियंता शेर सिंह, लिपिक पंकज कुमार, प्रदीप, लेखा शाखा लिपिक तस्लीम के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत अलग-अलग चार मुकदमे दर्ज किए हैं। सूत्रों ने बताया कि विजिलेंस ने ठेकेदार सतबीर की चार फर्मों के बैंक खातों की जांच की है। खातों में नगर निगम की तरफ से 190 करोड़ रुपये का भुगतान मिला है। विजिलेंस जांच कर रही है कि इसमें कितने रुपये का काम ठेकेदार द्वारा किया गया और कितना रुपया उसे बिना काम किए मिला। विजिलेंस अधिकारियों का कहना है कि अभी इस मामले में शुरुआत हुई है। इसमें अभी और मुकदमे दर्ज होंगे और गिरफ्तारियाँ होंगी। घोटाले में संलिप्त अन्य अधिकारियों के नाम भी जांच में शामिल किए जा सकते हैं।