महिला पहलवानों के समर्थन में आयी दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्राओं से पुलिस की सख्ती , किसी को आई चोट किसी के फटे कपडे, पीटी उषा भी पहुंची धरने पर
फरीदाबाद , 3 मई ( धमीजा ) : पहलवानों के समर्थन में मार्च निकाल रहे दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स से पुलिस ने की सख्ती और लिया हिरासत में। पुलिस ने छात्राओं को खदेड़ने के लिए सख्ती करते हुए उन्हें धक्के मार वहाँ से भगा दिया , इस दौरान कई छात्राओं को चोटें आई तो कुछ के कपडे फट गए। वहीं स्टूडेंट्स ने पुलिस पर अभद्रता और मारपीट का आरोप लगाया है। रविवार को बजरंग पूनिया ने छात्रों से समर्थन मांगा था। पहलवानों ने स्टूडेंट्स के साथ दिल्ली पुलिस की अभद्रता की निंदा की है।
दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ पहलवानों का धरना 11 दिन से जारी है। उन्हें दिग्गज नेता समेत एक्टर और खिलाड़ी समर्थन दे रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने पहलवानों के समर्थन में मार्च निकाला। इस दौरान पुलिस ने उन्हें घसीटते हुए हिरासत में लिया। जिसमें कई छात्राओं को चोटें आई हैं। वहीं कई छात्राओं के कपड़े फट गए।
उधर दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रही महिला पहलवानों ने दिल्ली पुलिस की सिक्योरिटी लौटा दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्हें सुरक्षा दी गई थी, जिसमें 12-12 घंटे की शिफ्ट में एक-एक सिपाही उनके साथ रखा गया था।
खिलाड़ियों ने कहा कि अगर वे जंतर-मंतर पर भी सुरक्षित नहीं है, तो कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। वे यहां शांतिपूर्वक अपना धरना दे रहे हैं। यहां रोजाना उनके समर्थन में लोग आ रहे हैं और जा रहे हैं, मगर उन्हें किसी से भी कोई दिक्कत नहीं है।
बुधवार को इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा जंतर-मंतर पहुंचीं। यहां उन्होंने धरने पर बैठे रेसलर्स विनेश फोगाट, साक्षी मालिक और बाकी पहलवानों से बातचीत की। इस दौरान बजरंग पूनिया ने कहा कि पीटी उषा ने बोला कि वे हमारे साथ खड़ी हैं और हमें न्याय दिलाएंगीं। वे पहले एक एथलीट हैं और फिर कुछ और।
बजरंग ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह के जेल जाने तक हम यहीं रहेंगे। इससे पहले पीटी उषा ने धरने का विरोध करते हुए कहा था कि इससे देश की छवि खराब हो रही है। इसके जवाब में रेसलर्स ने कहा था कि उनसे ऐसे बयान की उम्मीद नहीं थी।
अब भाजपा सांसद मेनका गाँधी भी महिला पहलवानों के समर्थन में
विनेश ने खुलासा किया कि जंतर-मंतर पर बैठने से तीन-चार महीने पहले हम एक अधिकारी से मिले थे। हमने उन्हें सब कुछ बताया था कि कैसे महिला एथलीटों का यौन उत्पीड़न हो रहा है और मानसिक रूप से उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हम धरने पर बैठे गए। एक शक्तिशाली व्यक्ति के खिलाफ खड़ा होना मुश्किल है, जो लंबे समय तक अपनी शक्ति और स्थिति का दुरुपयोग करता रहा।
वहीं पहलवानों की मांगों को लेकर भाजपा सांसद मेनका गांधी ने समर्थन किया है। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि यह अफसोस की बात है, भगवान करे उन्हें न्याय मिले।
बृजभूषण ने धरने पर बैठी पहलवानों पर उठाये सवाल
बृजभूषण शरण सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ”जिन अध्यक्ष के घर आप आते थे, शादी में बुलाते थे, परिवार में आते थे, घुल-मिलकर रहते थे, जैसे एक परिवार हों। तब आपने कोई गोपनीय शिकायत नहीं की। आपको तब सारी दिक्कत हो जाती है, जब मैं एक पॉलिसी लेकर आता हूं। ओलिंपिक में कौन जाएगा, कौन नहीं जाएगा, ये नियम बनाता हूं, तब आपको तकलीफ होती है। कुश्ती में सामान्य परिवार के बच्चे आते हैं। कहीं न कहीं उनके माता-पिता अपनी जरूरतों में कटौती करके बादाम-घी का इंतजाम करते हैं।