ऑल इंडिया बार एक्जामिनेशन पास करने वाले युवा वकीलों के लिए बैंड सेरेमनी आयोजित , सेमिनार में कई हस्तियों ने किये विचार व्यक्त
फरीदाबाद, 7 जून ( धमीजा ) : एडवोकेट्स की संस्था ‘लॉयर्स सोशल जस्टिस फोरम’ एवं जिला बार एसोसिएशन फरीदाबाद द्वारा संयुक्त रूप से ‘ रोल ऑफ लॉयर इन सोसायटी ‘ यानी “समाज में अधिवक्ताओं की भूमिका ” विषय पर एक सेमीनार आयोजित किया गया, जिसमे वरिष्ठ वकीलों के अलावा अन्य वर्गों के प्रबुद्ध लोगों ने भाग लिया । सेक्टर -86 में स्थित आईएमटी कॉलेज कैंपस में आयोजित इस सेमीनार में वकालत की डिग्री प्राप्त करने वाले युवा वकीलों को उत्साहित करने के लिए स्वागत सामारोह यानी बंद सेरेमनी की ।
इस अवसर पर हरियाणा पुलिस की आईजी क्राइम सुश्री राजश्री सिंह ,सीएम फ्लाईंग के डीसीपी राजेश चेची , सीनियर एडवोकेट अश्वनि त्रिखा, जीवा ग्रुप के संस्थापक रिषीपाल चौहान, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विकास वर्मा, सीनियर टेक्सेशन एडवोकेट विजय शर्मा, रिटायर्ड विंग कमांडर सत्येंद्र दुग्गल, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ हेमंत अत्री, मैन्यूफैक्चिरंग एसोसिएशन के महासचिव रमणीक प्रभाकर, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता उमेश प्रताप, सहायक जिला अटार्नी राजकुमार नागर, सीडब्लूसी सदस्य सुनील यादव, जिला बार एसोसिएशन के प्रधान राजेश बैंसला, सचिव ओमदत्त शर्मा, आईएमटी के निदेशक रवि हांडा, प्रोफेसर आर एन सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता अशोक जार्ज एवं आदित्य राजपूत प्रमुख रूप से उपस्थित थे। मंच का संचालन डा. एमपी सिंह ने किया। कार्यक्रम का आयोजन फोरम के चेयरमैन राजेश खटाना द्वारा किया गया।
नीति और नीयत में खरे बनने की शपथ लें वकील : राजश्री सिंह
समारोह में पुलिस की आईजी राजश्री सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि नए युवा वकील अपने प्रोफेशन में ऊंचाई छूना चाहते हैं तो अपनी नीति और नीयत में खरे बनने की शपथ लें। राजश्री सिंह ने कहा कि एक वकील के पास जो भी आता है, वह कहीं न कहीं से पीडि़त होता है, पीड़ा में होता है। ऐसे में वकील को चाहिए कि वह उस व्यक्ति को राहत देने का प्रयास करे, न कि किसी प्रकार से उसका कष्ट बढ़ाये। वकीलों को चाहिए कि वह अपराध करके आए व्यक्ति की भी पहचान करे कि क्या उससे अपराध गलती में, बचाव में अथवा उन्माद में हो गया है अथवा वह स्वभाववश अपराधी है। इस प्रकार आप सही व्यक्ति को न्याय दिला सकेंगे। राजश्री ने अपने जीवन की कहानी भी युवा वकीलों को सुनाई।
देश की आज़ादी में भी ख़ास भूमिका रही वकीलों की : अश्वनी त्रिखा
इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए एडवोकेट अशवनि त्रिखा ने कहा कि आज ही नहीं बल्कि देश की आजादी के समय भी वकीलों की समाज के प्रति बड़ी जिम्मेदारी रही है, जिसे उन्होंने समय समय पर बाखूबी निभाया है। देश की आजादी में भी वकीलों की प्रमुख भूमिका रही है। चाहे फिर वह मोतीलाल नेहरू रहें हों या फिर सरदार पटेल, इन सभी ने अपनी जिम्मेदारियों को निर्वहन किया है तथा देश को आजादी दिलवाने में मुख्य भूमिका अदा की है। श्री त्रिखा ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और बाल गंगाधर तिलक की भूमिका भी वकील के रूप में थी। इन सभी ने अपने कर्तव्य को निभाते हुए देश को आजाद करवाया। उन्होंने कहा कि किसी भी देश को चलाने के लिए संविधान की जरूरत होती है। हमें आज यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि भारत के संविधान निर्माता डा.भीमराव अंबेडकर भी वकील थे। जिनके द्वारा बनाए गए संविधान पर ही भारत देश सफलता पूर्वक विकास के मार्ग पर चल रहा है और आज यह देश विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है।
श्री त्रिखा ने कहा कि इस सब को देखते हुए कहा जा सकता है कि समाज में वकीलों का अपना अलग स्थान और भूमिका है। जिसकी जितनी सराहना की जाए वह कम है। इस अवसर पर उपस्थित वक्ताओं ने अपने अपने अंदाज और शैली में वकीलों के कर्तव्य और भूमिका पर अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर सैमीनार में आए मुख्य अतिथि और वक्ताओं को कार्यक्रम के आयोजक एडवोकेट राजेश खटाना एवं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विकास वर्मा ने शॉल भेंटकर सम्मानित किया।